
'यह भारत के लोकतंत्र में हस्तक्षेप तो नहीं?', वोटर टर्नआउट बढ़ाने वाले अमेरिकी निवेश पर बोलीं मायावती
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बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने अमेरिकी एजेंसी द्वारा भारतीय चुनावों में कथित विदेशी हस्तक्षेप और 21 मिलियन डालर की फंडिंग पर चिंता जताई है. उन्होंने बीजेपी और आप के राजनीतिक प्रभुत्व के चलते दिल्ली चुनावों में बीएसपी के कमजोर प्रदर्शन पर चिंता जाहिर की और पार्टी के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता बनाए रखने की बात कही.
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सोमवार को अमेरिकी एजेंसी द्वारा भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप की कथित कोशिश पर चिंता जताई. उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा एक एजेंसी के माध्यम से 21 मिलियन अमेरिकी डालर भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के नाम पर भेजी गई है.
अपने प्रेस नोट में मायावती ने कहा कि भारत की जनता को सतर्क रहना चाहिए और विचार करना चाहिए कि कहीं यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में हस्तक्षेप तो नहीं है, और अगर ऐसा है तो इससे किसे लाभ हो रहा है.
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DOGE ने खर्च में कटौती का किया था ऐलान
मायावती की तरफ से यह प्रतिक्रिया तब आई जब अमेरिकी विभाग ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने खर्चों में कटौती की घोषणा की, जिसमें "भारत में मतदाता भागीदारी" के लिए आवंटित 21 मिलियन मिलियन डालर की राशी भी शामिल थी. DOGE ने शनिवार को X पर एक पोस्ट में घोषणा की कि उसने सैकड़ों मिलियन अमेरिकी करदाताओं की डॉलर खर्च करने वाले कई कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है.
प्रेस नोट में मायावती ने दिल्ली चुनावों में बीजेपी और आप के राजनीतिक प्रभुत्व पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, "बीएसपी सदस्यों ने हरियाणा की तरह दिल्ली चुनावों में भी पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी. हालांकि, भाजपा और आप के मजबूत राजनीतिक प्रबंधन और छल वाले वादों के चलते परिस्थितियां बीएसपी के लिए अनुकूल नहीं रहीं."

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