मुस्लिमों का वो ग्रुप जो इजरायल संग मिलकर हमास से लड़ रहा जंग, क्या है यहूदियों से रिश्ता?
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इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग ने पूरी दुनिया को दो खेमों में बांट दिया. ज्यादातर पश्चिमी देश इजरायल के साथ हैं, जबकि लगभग सभी मुस्लिम देश फिलिस्तीन की आड़ में हमास को सपोर्ट कर रहे हैं. वहीं, मुसलमानों का एक समुदाय इजरायल से नफरत नहीं करता, बल्कि उसके लिए जान देने को तैयार है. ये बदू मुसलमान हैं, जो इजरायली आर्मी का हिस्सा बने हुए हैं.
इजरायल भले ही इकलौता यहूदी देश है, लेकिन यहां सिर्फ वही लोग नहीं रहते, बल्कि अरब मुसलमानों की भी बड़ी संख्या यहां हैं. इन्हीं में से एक है बदू समुदाय. ये खानाबदोश अरब रहे, जो दक्षिण इजरायल के रेतीले हिस्से पर रहा करते थे. बदू मुस्लिमों के पास अरब के बाकी समुदायों की तरह ताकत नहीं थी, और न ही पैसे हुआ करते थे. चरवाहे का काम करते हुए ये लोग सीमा पर ही रहा करते थे.
इस तरह जुड़ने लगे यहूदियों से
16वीं सदी में तुर्क से आए शासकों ने इजरायल पर कब्जा कर लिया. इसी दौरान इजरायल के लोगों को अपनी सुरक्षा की जरूरत महसूस होने लगी. बदू मुसलमान काफी मजबूत और ईमानदार माने जाते थे. साथ ही उनका अरब के बाकी मुस्लिमों से खास वास्ता नहीं था. यही देखकर यहूदियों ने उन्हें अपनी सेफ्टी के लिए तैनात करना शुरू किया. इससे वे रेगिस्तानी इलाकों को छोड़कर मेनलैंड में आकर बसने लगे.
कैसे हुए सेना में शामिल? यहूदियों की सुरक्षा के दौरान ये साबित हो चुका था ये कि बदू उनके खिलाफ नहीं हैं. इस यकीन को और बल मिला, जब इजरायल के बनने की लड़ाई में इन मुस्लिमों ने बाकी अरब देशों के खिलाफ जाकर काम किया. तब इजरायल डिफेंस फोर्स नया बना था. उसके पास खुफिया जानकारियों का पक्का सोर्स नहीं था. ऐसे में चरवाहों की शक्ल में घूमकर इन लोगों ने जानकारियां इकट्ठा कीं और IDF तक पहुंचाईं. यहीं से खानाबदोश चरवाहों से बदू मुसलमान यहूदी सेना का हिस्सा होने लगे.
बदले में उन्हें क्या मिला? नेगेव रेगिस्तान से ये लोग मुख्य इलाकों में जरूर आ चुके थे, लेकिन उनके परिवार अब भी रेगिस्तान में ही रहते. उनके पास बिजली-पानी जैसे बेसिक सुविधाएं भी नहीं थीं. IDF की मदद के बदले उन्हें सारी सुविधाएं मिलने लगीं.
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