
मुंबईः अंबेडकर-ठाकरे के नए गठबंधन के बाद MVA में दरार! शरद पवार पर टिप्पणी के बाद बढ़ी हलचल
AajTak
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) और प्रकाश अम्बेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने हाल ही में नए गठबंधन का ऐलान किया था, लेकिन प्रकाश अंबेडकर की शरद पवार पर टिप्पणी के बाद हलचल बढ़ गई है. वहीं संजय राउत ने प्रकाश अंबेडकर से आग्रह किया है कि वह MVA के एक स्तंभ की अवहेलना न करें.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) और प्रकाश अम्बेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने हाल ही में नए गठबंधन का ऐलान किया था. लेकिन प्रकाश अंबेडकर की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार पर की गई टिप्पणी के बाद महाविकास अघाड़ी (MVA) में काफी हलचल पैदा हो गई है.
एक इंटरव्यू में अंबेडकर ने दावा किया कि शरद पवार अभी भी बीजेपी के साथ हैं. प्रकाश अंबेडकर ने ये आरोप भी लगाया कि अजीत पवार ने जब बीजेपी नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तो इसके पीछे भी शरद पवार ही थे.
अंबेडकर ने कहा कि जब अजीत पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी, तो उन्होंने शपथ लेने के बाद एक अखबार को दिए इंटरव्यू में पूछा था कि बीजेपी से गठबंधन के फैसले को लेकर हर कोई उन्हें अकेले क्यों दोष दे रहा है?
इस पर प्रतिक्रिया करते हुए NCP के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि बीजेपी के साथ सुबह शपथ लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन को हटाना शरद पवार की एक चतुर चाल हो सकती है. वहीं, राकांपा के एक अन्य नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर प्रकाश अंबेडकर ने उद्धव सेना से हाथ मिला लिया है तो भी वह उनकी पार्टी के सुप्रीमो के खिलाफ इस तरह के आरोपों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. इतना ही नहीं, आव्हाड ने चेतावनी भी दी कि उन्हें पिता तुल्य नेता के बारे में बोलने से पहले अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए.
उधर, सांसद संजय राउत ने प्रकाश अंबेडकर से आग्रह किया है कि वह एमवीए के एक स्तंभ की अवहेलना न करें. राउत ने कहा कि उन्हें वास्तव में बीजेपी के खिलाफ ताकतों को मजबूत करने के लिए पवार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करनी चाहिए.
इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भी अंबेडकर के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वह VBA को मान्यता नहीं देते हैं. क्योंकि यह अभी तक एमवीए गठबंधन का हिस्सा नहीं है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







