मिड-डे मील योजना अब PM पोषण स्कीम! विपक्ष बोला- सिर्फ नाम बदलने से लोगों को क्या मिलेगा, सरकार ने गिनाए फायदे
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केंद्र सरकार द्वारा लाई गई प्रधानमंत्री पोषण योजना को लेकर विवाद हो गया है. विपक्ष ने इसे सिर्फ पुरानी स्कीम का नाम बदलकर पेश करने का आरोप लगाया है, तो वहीं केंद्र की ओर से इस योजना के फायदे गिनाए जा रहे हैं.
PM Poshan Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. देशभर के सरकारी और सह-सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए चलाई जा रही मिड-डे मील योजना को अब नया रूप दिया गया है, इस योजना को अब प्रधानमंत्री पोषण योजना के रूप में जाना जाएगा. केंद्र सरकार अगले पांच साल में इस योजना पर 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. केंद्र सरकार के इस तरह योजना के नाम बदलने पर राजनीतिक बवाल भी छिड़ गया है. विपक्ष के कई दलों ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है. ऐसे में इस विवाद के पीछे क्या कारण है, स्कीम में क्या बदलाव हुआ है और विपक्ष क्या कह रहा है. जानिए.क्या है प्रधानमंत्री पोषण योजना? केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री पोषण योजना को मंजूरी दी है, इसके तहत देश के करीब 11.5 लाख सरकारी और सह-सरकारी स्कूलों में चलने वाली मिड-डे मिल योजना का रूप बदला गया है. सरकार का कहना है कि इस योजना के अंतर्गत करीब 11.80 करोड़ बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा. #Cabinet approves Continuation/ Revisions/ Modifications of centrally sponsored national scheme for #PMPOSHAN in schools for five more years with a total financial outlay of ₹1.3 lakh crore#CabinetDecisions Read: https://t.co/pvtojA9iMp pic.twitter.com/IfiugNA6LP Instead of renaming old 1995 Midday Meal (MDM) scheme maybe government should rename Adani takeover of all Indian infra as PM Poshan Scheme instead!
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