
महाराष्ट्र में पावर का बंटवारा! अब अजित पवार के डिपार्टमेंट की फाइल भी शिंदे के पास जाएगी, फडणवीस लगाएंगे अंतिम मुहर
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इस निर्णय के माध्यम से एकनाथ शिंदे को सशक्त बनाकर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुनिश्चित किया है कि शिंदे का गुट फंड आवंटन और निर्णय लेने की प्रक्रिया से संतुष्ट रहे. वहीं इस कदम के जरिए सीएम ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अजित पवार को भी नियंत्रण में रखा जा सके.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तीन प्रमुख दलों के गठबंधन के बीच "शक्ति राजनीति" में संतुलन बनाए रखने के लिए अधिकारों का समान वितरण सुनिश्चित किया है. आजतक के जिस सरकारी आदेश की कॉपी है उसे 18 मार्च, 2025 को मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने जारी किया है.
इस आदेश में कहा गया है कि वित्त और योजना विभाग, जो वर्तमान में अजित पवार के अधीन है, उसकी हर फाइल अब अंतिम मंजूरी के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस तक पहुंचने से पहले उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से होकर गुजरेगी. इसे सियासी संतुलन बनाए रखने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है.
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के दौरान जब उद्धव ठाकरे सीएम थे और अजित पवार के पास वित्त विभाग था. तब शिंदे के शिवसेना गुट ने पवार पर पक्षपात का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया कि पहले एनसीपी, फिर कांग्रेस और अंत में शिवसेना को पैसा आवंटित किया गया, जो एमवीए के पतन का एक प्रमुख कारण बन गया.
शिंदे के सीएम रहने के दौरान भी ऐसा ही था नियम
राजनीतिक बदलाव के बाद एकनाथ शिंदे सीएम बने और फडणवीस डिप्टी सीएम बने और एक साल के भीतर ही शिंदे के नेतृत्व में अजित पवार भी डिप्टी सीएम बन गए. हालांकि पवार ने वित्त विभाग अपने पास रखा, लेकिन अंतिम फैसले का अधिकार शिंदे के पास ही रहा.तब भी 2023 में आदेश जारी किया गया था कि फाइलें तत्कालीन डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के माध्यम से अंतिम मंजूरी के लिए सीएम एकनाथ शिंदे के पास भेजी जाएंगी.
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