मराठा आरक्षण: SC के फैसले से राज्य सरकार नाखुश, नवाब मलिक बोले- केंद्र करे अपील
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मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर महाराष्ट्र सरकार ने असहमति जताई है. राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र को फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए मराठा आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. अदालत का कहना है कि 50 फीसदी के कोटे से अतिरिक्त आरक्षण देने की नीति ठीक नहीं है. सर्वोच्च अदालत के फैसले पर अब महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया आई है, जिसमें राज्य सरकार ने फैसले से असहमति व्यक्त की है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत नहीं किया जा सकता है. लेकिन अभी कोई राज्य के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश ना करे. लोगों को उकसाना नहीं चाहिए. मराठा आरक्षण की लड़ाई तबतक जारी रहेगी, जबतक इसमें जीत नहीं होती. राज्य सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने फैसले पर कहा कि केंद्र सरकार को अब फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए या संविधान में बदलाव करना चाहिए. केंद्र सरकार को कमीशन का गठन करना चाहिए, ताकि मराठा समुदाय को आरक्षण मिल सके. नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि विपक्ष कह रहा है कि हमने सही पक्ष नहीं रखा, लेकिन वकील और एक्सपर्ट वही थे, जो पहले थे. गायकवाड़ कमीशन ने जो रिपोर्ट दी उसी पर काम हुआ, उसका गठन बीजेपी सरकार ने ही किया था. बता दें कि महाराष्ट्र में लंबे वक्त ले मराठा आरक्षण को लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में ये मामला चला गया था. बुधवार को सर्वोच्च अदालत ने अहम फैसला सुनाया और राज्य सरकार के शिक्षा, नौकरी क्षेत्र में मराठा आरक्षण देने के फैसले को खारिज कर दिया. पांच जजों की पीठ ने फैसले में कहा है कि पचास फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए उन्हें शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ा वर्ग नहीं कहा जा सकता है.केजरीवाल ने कहा कि जेल के अंदर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के पास मैसेज गए हैं. उनसे कहा गया है कि आप बीजेपी में आ जाओ, आपकी बेल करवा देंगे. ये कौन करवाता है? उन्होंने कहा कि ये कानून पूरे विपक्ष को खत्म करने के लिए बनाया गया है. विपक्ष को तोड़कर बीजेपी में शामिल कराने के लिए और इस देश से जनतंत्र खत्म करने के लिए बनाया गया है.
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