'मंदिर टूटने से नाराज हैं बाबा बौखनाग, इसीलिए हुआ सुरंग हादसा...' उत्तरकाशी के लोगों का दावा
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी के लोग सुरंग हादसे के पीछे बाबा बौखनाग की नाराजगी मान रहे हैं. लोगों का कहना है कि सुरंग के पास बाबा बौखनाग का मंदिर था, जिसे कंपनी ने तोड़ दिया था, जबकि पहले अधिकारी और मजदूर मंदिर में बाबा की पूजा करने के बाद ही सुरंग में प्रवेश करते थे. अब ये जो सुरंग हादसा हुआ है, ये मंदिर टूटने के बाद बाबा का प्रकोप है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में छह दिन पहले एक सुरंग धंस गई, जिसमें 7 राज्यों के 40 मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों को निकालने के लिए रेक्स्यू लगातार चल रहा है, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत कई नागरिक सुरक्षा बलों के जवान जुटे हुए हैं. इस हादसे को लेकर ग्रामीणों का मानना है कि सुरंग ढहने के पीछे स्थानीय देवता बाबा बौखनाग का प्रकोप है.
ग्रामीणों ने कहा कि बाबा बौखनाग के क्रोध के कारण सुरंग धसक गई, क्योंकि उनका मंदिर निर्माण कार्य के चलते ध्वस्त कर दिया गया था. लोगों ने कहा कि चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का काम चल रहा था. इसी में सुरंग बनाई गई थी, जिसका एक हिस्सा ढह गया था. निर्माण कंपनी ने मंदिर को तोड़ दिया था, इसी के कुछ दिनों बाद सुरंग ढहने से 40 मजदूर फंस गए.
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मंदिर के पुजारी गणेश प्रसाद बिजल्वाण ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के शुरुआती प्रयास विफल रहे. इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने बुधवार को फोन किया था. उन्होंने माफी मांगी और विशेष पूजा कराने की बात कही. उन्होंने पूजा कराई और मजदूरों को बचाने के लिए चल रहे रेस्क्यू की सफलता के लिए प्रार्थना की.
पुजारी ने कहा कि उत्तराखंड देवताओं की भूमि है. यहां किसी भी पुल, सड़क या सुरंग के निर्माण से पहले स्थानीय देवता के लिए एक छोटा मंदिर बनाने की परंपरा है. उनका आशीर्वाद लेने के बाद ही काम पूरा किया जाता है. उन्होंने कहा कि हमारा यह भी मानना है कि निर्माण कंपनी ने मंदिर तोड़कर गलती की और इसी कारण 40 श्रमिकों की जान खतरे में पड़ गई.
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