
बिंदी न लगाने पर जर्नलिस्ट से नहीं की थी बात, अब उन्हीं संभाजी भिड़े के सुधा मूर्ति ने क्यों छुए पैर?
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सुधा मूर्ति इंफोसिस के सह संस्थापक नारायणमूर्ति की पत्नी हैं. वह महाराष्ट्र के सांगली में अपनी एक किताब के प्रचार के लिए आई थीं, जहां भिड़े को देखते ही उन्होंने उनके पैर छू लिए. भिड़े ने हाल ही में एक महिला पत्रकार से इसलिए बातचीत करने से इनकार कर दिया था क्योंकि उसने बिंदी नहीं लगाई थी.
लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा मूर्ति का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह हिंदुत्ववादी नेता संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide) के पैर छूते नजर आ रही हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद सुधा मूर्ति को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह है कि संभाजी भिड़े ने कुछ दिन पहले ही एक महिला पत्रकार से इसलिए बात करने से इनकार कर दिया था क्योंकि उसने बिंदी नहीं लगाई थी. अमूमन महिलावादी और सामाजिक पैरोकार को लेकर मुखर राय रखने वाली सुधा का भिड़े के पैर छूना रास नहीं आया.
सुधा इंफोसिस के सह संस्थापक नारायणमूर्ति की पत्नी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास भी हैं. वह महाराष्ट्र के सांगली में अपनी एक किताब के प्रचार के लिए आई थीं, जहां भिड़े को देखते ही उन्होंने उनके पैर छू लिए.
भिड़े के शिव प्रतिष्ठान संगठन के एक कार्यकर्ता ने बताया कि उनके नेता भिड़े ने रायगढ़ किले में सोने का सिंहासन लगवाने में मदद के लिए सुधा मूर्ति से मुलाकात की थी. वहीं, सुधा मूर्ति के एक सहयोगी ने बताया कि सुधा को अंदाजा ही नहीं था कि भिड़े कौन हैं, उन्होंने बुजुर्ग होने की वहज से भिड़े के पैर छूए थे.
सांगली में हुए कार्यक्रम का आयोजन करने वाले मेहता पब्लिशिंग हाउस की एडिटोरियल प्रमुख योजना यादव ने दावा किया कि स्थानीय पुलिस ने आग्रह किया था कि भिड़े को सुधा मूर्ति से मिलने दिया जाना चाहिए. हालांकि, भिड़े को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था.
यादव ने कहा, सुधा मूर्ति ने किसी से भी मिलने से इनकार कर दिया था. लेकिन भिड़े के समर्थक बिना किसी निमंत्रण के इस कार्यक्रम में पहुंच गए थे. ऑडिटोरियम के बाहर बड़ी संख्या में भिड़े के समर्थक होने की वजह से पुलिस दबाव में आ गई और उन्होंने हमसे आग्रह किया कि भिड़े को सुधा मूर्ति से मिलने दिया जाए.
उन्होंने बताया, यह दबाव इतना अधिक था कि सुधा मूर्ति को अपने पाठकों के साथ बातचीत को बीच में ही छोड़कर भिड़े से मिलने जाना पड़ा. वह नहीं जानती थी कि भिड़े कौन हैं इसलिए उन्होंने मुझसे भिड़े की उम्र पूछी. उम्र जानने के बाद सुधा ने सम्मान के तौर पर उनके पैर छू लिए. यादव ने कहा कि उन्होंने बाद में सुधा मूर्ति से यह भी कहा था कि भिड़े से उनकी मुलाकात के इस वीडियो का इस्तेमाल प्रोपेगैंडा के लिए किया जा सकता है.

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