
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की निंदा से लेकर मनरेगा तक... CWC मीटिंग में खड़गे क्या-क्या बोले?
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कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनरेगा को समाप्त किए जाने को गरीबों पर सीधा हमला बताया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकार गंभीर संकट में हैं. खड़गे ने मनरेगा की बहाली के लिए राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन, संगठनात्मक मजबूती और आगामी चुनावों की रणनीति का विस्तृत खाका पेश किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. बैठक की शुरुआत में उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर चारों तरफ गंभीर संकट छाया हुआ है और ऐसे समय में कांग्रेस को भविष्य की ठोस रणनीति बनानी होगी. उन्होंने मनरेगा, आगामी विधानसभा चुनावों, एसआईआर, केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले की भी निंदा की.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर वर्गों को बेसहारा बना दिया. उन्होंने कहा कि यह केवल गरीबों के पेट पर लात नहीं, बल्कि उनकी पीठ में छूरा घोंपने जैसा है. मनरेगा को खत्म करना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों और सम्मान पर सीधा हमला है. इन तमाम मुद्दों पर माना जा रहा है कि 2.15 बजे कांग्रेस अध्यक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे.
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कांग्रेस अध्यक्ष ने सोनिया गांधी के लेख का हवाला देते हुए कहा कि मनरेगा ने सर्वोदय की भावना को साकार किया और काम के अधिकार को मजबूत किया. खड़गे ने कहा कि यह संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांतों और अनुच्छेद 41 की भावना के खिलाफ है, जिन पर यूपीए सरकार ने काम का अधिकार, भोजन का अधिकार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अधिकार मजबूत किए थे.
मनरेगा की शुरुआत से खड़गे ने बताई कहानी
अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार को गरीबों की नहीं, बल्कि कुछ बड़े पूंजीपतियों के मुनाफे की चिंता है. उन्होंने याद दिलाया कि मनरेगा की शुरुआत 2 फरवरी 2006 को आंध्र प्रदेश के बंडलापल्ली में हुई थी और इस योजना ने ग्रामीण भारत का चेहरा बदल दिया. इससे पलायन रुका, गांवों को अकाल और भूख से राहत मिली और दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मजदूरों को सुरक्षा मिली.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनरेगा को समाप्त किए जाने को गरीबों पर सीधा हमला बताया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकार गंभीर संकट में हैं. खड़गे ने मनरेगा की बहाली के लिए राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन, संगठनात्मक मजबूती और आगामी चुनावों की रणनीति का विस्तृत खाका पेश किया है.

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