
बस स्टॉप, नाबालिग छात्र और तेजाब से हमला... खौफनाक वारदात की शक्ल में सामने आई बदले की ये कहानी
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17 साल का ऋषभ इस वक्त गोवा मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती है. उसका इलाज चल रहा है. ऋषभ 80 फीसदी से ज्यादा झुलस चुका है. इसकी हालत सीरियस है. उसके जिस्म के कई हिस्सों पर बाहरी और अंदरुनी गंभीर जख्म हैं. जानते हैं ऋषभ की हालत कैसे हुई?
Goa Minor Student Acid Attack Story: गोवा में एक महीने पहले 17 साल की एक लड़की की मौत हो जाती है. लड़की के पिता को लगता है कि उसकी बेटी की मौत के लिए एक लड़का जिम्मेदार है. अब अपनी बेटी की मौत का बदला लेने के लिए उस लड़के पर तेजाब फेंक देता है. और इसका जो नतीजा होता है, वो कहानी बेहद खौफनाक है. ये कहानी है एक पिता के अजीब बदले की.
नॉर्थ गोवा के धार्गलिम हाईवे पर मौजूद एक बस स्टॉप है. गोवा पुलिस की एक पूरी टीम वहां एक केस की तफ्तीश करने पहुंची थी. पुलिस टीम के साथ-साथ मौके पर फॉरेंसिक टीम भी मौजूद थी. फॉरेंसिक टीम में शामिल दो लोग सड़क किनारे एक सफेद रंग के बकेट के पास आकर रुकते हैं. बकेट के करीब में शायद प्लास्टिक का एक जग भी पड़ा था. फॉरेंसिक एक्सपर्ट जग को उठा लेते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि उस सफेद बकेट में काले रंग की क्या चीज है? वो तेजाब था. वो तेजाब जो किसी को भी जला दे.
किरदार नंबर 1 - नाबालिग ऋषभ 17 साल का ऋषभ इस वक्त गोवा मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती है. उसका इलाज चल रहा है. ऋषभ 80 फीसदी से ज्यादा झुलस चुका है. इसकी हालत सीरियस है. दाईं आंख बुरी तरह जल चुकी है. गाल, नाक, सीने और जिस्म के कई हिस्सों पर बाहरी और अंदरुनी गंभीर जख्म हैं. जानते हैं ऋषभ की हालत कैसे हुई? बकेट या सफेद बाल्टी में भरे तेजाब से. भरी हुई उस बाल्टी का बाकी का तेजाब इसी जग से ऋषभ के ऊपर कई बार फेंका गया था.
किरदार नंबर 2 - नीलेश गजानन देसाई वो तेजाब से भरी बाल्टी नीलेश गजानन देसाई की है. यही वो नीलेश है, जिसने अपने हाथों से जग में तेजाब भर भर कर 17 साल के ऋषभ के ऊपर फेंका था.
किरदार नंबर 3 - नाबालिग लड़की नीलेश की 17 साल की नाबालिग बेटी थी. इसी साल मई में रहस्यमयी तौर पर नीलेश की बेटी की मौत हो गई थी. पुलिस फाइल में अब भी नीलेश की बेटी की मौत अननैचुरल डेथ केस के तौर पर रजिस्टर्ड है.
किरदार नंबर 4 - उमेश शेट्टी एसिड अटैक का शिकार बने ऋषभ के पिता हैं उमेश शेट्टी. वो उमेश शेट्टी ही थे जिन्होंने एसिड अटैक से पहले ऋषभ को बस स्टॉप पर अपनी स्कूटी से छोड़ा था ताकि वहां से वो कॉलेज की बस पकड़ कर कॉलेज जा सके.

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