बवाल के बाद बैकफुट पर केजरीवाल सरकार, दिल्ली में लागू होगी पुरानी एक्साइज पॉलिसी
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नई एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी के आरोप हैं. आरोप है कि नई एक्साइज पॉलिसी के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई. टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ किए गए.
दिल्ली की आबकारी नीति से संबंधित हालिया विवाद पर केजरीवाल सरकार बैकफुट पर आ गई है. बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार 1 अगस्त से अगले 6 महीनों के लिए आबकारी नीति की पुरानी व्यवस्था को ही लागू कर सकती है. फिलहाल, अंतिम आदेश जारी होना बाकी है. बता दें कि आबकारी नीति 2021-22 को 31 मार्च के बाद दो बार दो-दो महीने की अवधि के लिए बढ़ाया गया था, 31 जुलाई को समाप्त हो जाएगी. इसी नीति को आगे जारी रखने की संभावना है.
आबकारी विभाग अभी भी आबकारी नीति 2022-23 पर काम कर रहा है, जो अन्य बातों के अलावा दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी की सिफारिश करता है. अधिकारियों के मुताबिक, डॉफ्ट की गई नीति को उपराज्यपाल वी के सक्सेना को उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाना बाकी है.
आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जिनके पास उत्पाद शुल्क विभाग भी है, उन्होंने गुरुवार को विभाग को नई नीति आने तक छह महीने की अवधि के लिए आबकारी नीति की पुरानी व्यवस्था को वापस करने का निर्देश दिया.
केजरीवाल सरकार ने पिछले साल अपनी नई आबकारी नीति लागू की थी, जिसके तहत निजी संचालकों को ओपन टेंडर से खुदरा शराब बिक्री के लाइसेंस जारी किए गए थे. अब तक, नई पॉलिसी लागू होने के बाद दिल्ली के 32 जोन में कुल 850 में से 650 दुकाने खुल चुकी हैं. दिल्ली सरकार का कहना था कि नई नीति से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी.
उधर, एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई एक्साइज पॉलिसी में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए. वहीं, दिल्ली बीजेपी ने इस नई नीति का विरोध किया था.
दरअसल, दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है. मुख्य सचिव की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नीति के जरिए कोरोना के बहाने लाइसेंस की फीस माफी की गई. शराब कारोबारियों को टेंडर में 144.36 करोड़ की छूट दी गई.
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