
'फॉर्म भरते वक्त 34 की थीं, Voter ID बनी तो 124 साल की हुईं', कौन हैं मिंता देवी जिनके लिए विपक्ष ने खोला मोर्चा?
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मिंता देवी और उनके परिवार का कहना है कि SIR प्रक्रिया के दौरान कोई भी बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) या चुनाव आयोग का कर्मचारी उनके घर नहीं आया. मिंता के ससुर तेजप्रताप सिंह ने भी बताया कि उनके गांव में कोई अधिकारी वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के लिए नहीं आया.
बिहार के सीवान जिले में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया में हुई लापरवाही ने 34 वर्षीय मिंता देवी को 124 साल की बुजुर्ग बना दिया. विपक्षी दलों ने इसे लेकर चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है. सीवान के दुरौंधा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले अरजानीपुर गांव की निवासी मिंता देवी ने हाल ही में पहली बार मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था.
उनके आधार कार्ड के अनुसार, उनकी जन्मतिथि 15 जुलाई 1990 है, यानी उनकी उम्र 34 वर्ष है. लेकिन जब उन्हें वोटर आईडी कार्ड प्राप्त हुआ, तो उसमें उनकी जन्मतिथि 15 जुलाई 1900 दर्ज थी, जिसके मुताबिक उनकी उम्र 124 वर्ष होती है. मिंता देवी के पति धनंजय सिंह ने आज तक से बातचीत में कहा, 'हमने आधार कार्ड के आधार पर फॉर्म भरा था. वोटर आईडी कार्ड मिलने के बाद हमने उसे बिना खोले रख दिया. जब कुछ दिनों बाद, इसे खोलकर देखा तो हमें इस बड़ी गलती का पता चला.'
मिंता देवी और उनके परिवार का कहना है कि SIR प्रक्रिया के दौरान कोई भी बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) या चुनाव आयोग का कर्मचारी उनके घर नहीं आया. मिंता के ससुर तेजप्रताप सिंह ने भी बताया कि उनके गांव में कोई अधिकारी वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के लिए नहीं आया. उन्होंने मांग की है कि इस गलती को जल्द से जल्द सुधारा जाए. पड़ोसी सुरेश सिंह और मिंता के ससुर के भाई मधुसूदन सिंह ने भी इस मामले में चुनाव आयोग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया.
विपक्ष ने बनाया मुद्दा, संसद में प्रदर्शन
दिल्ली में संसद भवन के बाहर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने टी-शर्ट पहनकर प्रदर्शन किया, जिस पर मिंता देवी की तस्वीर और उनकी उम्र 124 वर्ष छपी थी. विपक्ष ने इसे चुनाव आयोग की नाकामी करार देते हुए SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाए. प्रियंका गांधी ने कहा, 'यह गलती नहीं, लापरवाही का नमूना है. अगर एक महिला की उम्र में इतनी बड़ी गड़बड़ी हो सकती है, तो मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजमी है.'

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