
प्रशांत किशोर भले ही अल्लाह का हवाला दें, लेकिन मुस्लिम समुदाय उन्हें क्यों सपोर्ट करे?
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बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समुदाय को अपने पाले में मिलाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. बिहार बदलाव इजलास के आयोजन का मकसद भी यही है. लेकिन, सवाल है कि क्या मुस्लिम वोटर अल्लाह के नाम पर वोट देने के उनके अंदाज को सपोर्ट भी करेंगे?
बिहार के मुस्लिम वोटर पर शुरू से ही प्रशांत किशोर की नजर टिकी है. सवाल जवाब वाले लहजे में वो कहते भी रहे हैं कि विधानसभा में कम से कम 40 मुस्लिम विधायक होने चाहिए. एक हालिया इंटरव्यू में प्रशांत किशोर कहते हैं, 'मुसलमानों से दो वादे किए थे. एक, आपकी आबादी के हिसाब से 36 से 40 सीट मिलनी चाहिए. दो, जहां पर भी मौजूदा मुस्लिम विधायक हैं, वहां पर जन सुराज मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारेगा. और उसी हिसाब से जन सुराज पार्टी ने भी सीटों का चयन किया है.'
महीना भर से प्रशांत किशोर मुस्लिम आबादी बहुल इलाकों में भी बदलाव की मुहिम चला रहे हैं. मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में जन सुराज के कार्यक्रम का नाम होता है, बिहार बदलाव इजलास. और ऐसे कार्यक्रमों में प्रशांत किशोर मुस्लिम समुदाय ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनको अल्लाह के अलावा किसी से डरने की जरूरत क्यों पड़ती है?
और उसी क्रम में प्रशांत किशोर बिहार के सीमांचल में मुस्लिम समुदाय के लोगों को सलाह देते हैं, 'भाजपा से मत डरिए, ऊपर अल्लाह से डरिए, अपने बच्चों की चिंता कीजिए.'
मुस्लिम समुदाय से वोट मांगने का ये नया तरीका है
प्रशांत किशोर कटिहार पहुंचे थे. सीमांचल के मुस्लिम समुदाय से अपील भरे अंदाज में प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समुदाय को सलाह दी, 'भाजपा से नहीं, अल्लाह से डरिए... और हक का साथ दीजिए. लालटेन में किरासन तेल बन जलते रहेंगे, तो लालू जी के घर रोशनी होगी, लेकिन आपके बच्चों का भविष्य अंधेरे में ही रहेगा.'
जन सुराज मुहिम में पूरे वक्त प्रशांत किशोर का शिक्षा पर जोर देखा गया है. हो सकता है, ये तेजस्वी यादव को निशाने पर लेने के लिए भी हो. वो घूम घूम कर तेजस्वी यादव को नौवीं फेल बताते रहे हैं. और लोगों से कहते हैं कि वे अपने बच्चों के भविष्य के लिए उनकी शिक्षा पर ध्यान दें.

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