प्रशांत किशोर बोले- बंगाल में निचले स्तर पर एंटी इनकम्बैंसी, आखिरी आदमी तक पहुंचना बड़ी चुनौती
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प्रशांत किशोर ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के सामने चुनौती है कि वह अपने कार्यकर्ताओं को संभाले रहें, उनकी भागीदारी बनी रहे, लेकिन उनकी भागीदारी आपके लिए परेशानी बन जाए, वो भी नहीं होना चाहिए.
पश्चिम बंगाल में आधा चुनाव बीत चुका है और आधे के लिए राजनीतिक दल जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हर चुनाव रैली में ममता सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रही है, जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जवाब दे रही है. बीजेपी के इन आरोपों का टीएमसी के साथ ही उसके चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी काउंटर कर रहे हैं. लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने बंगाल में चलाए गए द्वारे सरकार मुहिम के बारे में बताते हुए कहा कि पूरे भारत में जहां भी सरकारें चल रही हैं, उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अंतिम व्यक्ति तक अपनी योजनाएं पहुंचाने की है, द्वारे सरकार से एक दिन में यह ठीक नहीं हो जाएगा, हमने द्वारे सरकार मुहिम से समस्याओं को दूर करने की कोशिश की.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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