
पेरू: ऐतिहासिक फैसले में इस महिला को मिला 'मरने का अधिकार', फैसले पर जताई खुशी
AajTak
44 वर्ष की एक महिला पिछले कई सालों से अपने 'मौत के अधिकार' के लिए लड़ रही हैं और आखिरकार पेरू की सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसले में उन्हें ये अधिकार मुहैया करा दिया है. एना एस्ट्राडा नाम की ये महिला साइकोलॉजिस्ट हैं और 12 साल की उम्र से ही वे एक लाइलाज दुर्लभ बीमारी से जूझ रही हैं.
44 वर्ष की एक महिला पिछले कई सालों से अपने 'मौत के अधिकार' के लिए लड़ रही हैं और आखिरकार पेरू की सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसले में उन्हें ये अधिकार मुहैया करा दिया है. एना एस्ट्राडा नाम की ये महिला साइकोलॉजिस्ट हैं और 12 साल की उम्र से ही वे एक लाइलाज दुर्लभ बीमारी से जूझ रही हैं. एना एक साइकोलॉजिस्ट हैं और वे पिछले तीन दशकों से पोलीमायोसिटीस से ग्रस्त हैं. ये एक दुर्लभ लाइलाज बीमारी है जो किसी भी इंसान के मसल्स पर लगातार अटैक करती है. एना अपने दिन का ज्यादातर समय बेड पर बिताती हैं और उनके पास सांस लेने के लिए रेस्पिरेटर हमेशा होता है. उन्होंने पांच साल पहले अपने लिए यूथनेशिया की मांग की थी. गौरतलब है कि यूथनेशिया कई देशों में गैर-कानूनी है और पेरू में कई लोग इस कॉन्सेप्ट के सख्त खिलाफ हैं. पेरू में एबॉर्शन और समलैंगिक शादियों पर भी प्रतिबंध है. यही कारण है कि इस फैसले को कई मायनों में ऐतिहासिक बताया जा रहा है. एना ने इस मामले में कहा कि 'भले ही ये एक व्यक्तिगत केस हो लेकिन मुझे उम्मीद है कि बाकी लोगों के लिए भी ये केस प्रेरणा बन पाएगा. मुझे लगता है कि ये ना सिर्फ मेरे लिए उपलब्धि है बल्कि पेरू में न्याय और कानून की भी बड़ी उपलब्धि है.'
Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









