
पुराने वाहनों को दिल्ली में मिलेगा 'जीवनदान'? तीन दिन में बैकफुट पर सरकार, आदेश पर ब्रेक के पीछे गिनाए ये कारण
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दिल्ली में लागू हुए इस फैसले का सीधा संबंध आम आदमी से है, खासकर उन लाखों नागरिकों से जिनकी आजीविका, आवागमन और व्यक्तिगत जरूरतें इन्हीं पुरानी गाड़ियों पर टिकी हैं. परिवहन विभाग के अनुसार, दिल्ली में करीब 62 लाख गाड़ियां हैं जिनकी आयु पूरी हो चुकी है. इनमें 41 लाख दो पहिया वाहन और 18 लाख चार पहिया वाहन हैं.
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से लागू हुए CAQM के आदेश को लेकर अब रेखा गुप्ता सरकार बैकफुट पर आ गई है. नियम लागू करने के महज तीन दिन बाद ही सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा. अब दिल्ली सरकार ने CAQM से इसको तुरंत अमल में लाने से पहले मंथन करने का आग्रह किया है और इस आदेश को फिलहाल स्थगित करने का अनुरोध किया है. वहीं इसको लेकर आम आदमी पार्टी रेखा गुप्ता सरकार को घेर रही है.
दरअसल, Commission for Air Quality Management ने अपने आदेश में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन न देने की सख्त हिदायत दी थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने इसे सख्ती से लागू किया और परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस 1 जुलाई से पेट्रोल पंपों पर रुकने वाले उम्र पूरी कर चुके वाहनों (ई.एल.वी.) को जब्त करने लगी.
दिल्ली में लागू हुए इस फैसले का सीधा संबंध आम आदमी से है, खासकर उन लाखों नागरिकों से जिनकी आजीविका, आवागमन और व्यक्तिगत जरूरतें इन्हीं पुरानी गाड़ियों पर टिकी हैं. परिवहन विभाग के अनुसार, दिल्ली में करीब 62 लाख गाड़ियां हैं जिनकी आयु पूरी हो चुकी है. इनमें 41 लाख दो पहिया वाहन और 18 लाख चार पहिया वाहन हैं. ऐसे में दिल्ली में अचानक पुराने वाहनों को बड़े स्तर पर सीज करने को लेकर लाखों लोगों में आक्रोश साफ देखने को मिला.
अब दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष राजेश वर्मा को लिखे पत्र में कहा कि ईंधन पर प्रतिबंध व्यवहार्य नहीं है और तकनीकी चुनौतियों के कारण इसे लागू नहीं किया जा सकता. गुरुवार को राजधानी में इस नियम के तहत एक भी वाहन को जब्त नहीं किया गया. वहीं इससे पहले दो दिनों में 80 से अधिक वाहनों को जब्त किया गया. इनमें दो पहिया और चार पहिया वाहन शामिल हैं.
आइए समझते हैं कि आखिर किन वजहों से दिल्ली सरकार ने केंद्र के आदेश पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की और इसके पीछे की वास्तविक तकनीकी और सामाजिक समस्याएं क्या हैं-
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