
पीएम मोदी किसे चुनेंगे दिल्ली का सीएम? विधायक दल की बैठक में कल फैसला, जानें- रेस में कौन आगे
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जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान में वक्त लेना BJP का ट्रेडमार्क बन गया है. चाहे पहली बार साल 2014 में महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान हो या फिर योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपकर चौंकाना. BJP न सिर्फ मुख्यमंत्री चुनने में वक्त लेती है. बल्कि अपने मुख्यमंत्री से सबको हैरान भी करती रही है. इसीलिए BJP विपक्ष के हमलों को भाव नहीं दे रही और आम आदमी पार्टी के जख्मों पर नमक रगड़ने से नहीं चूक रही.
दिल्ली के मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है. दिल्ली की जनता ने 8 फरवरी को अपना जनादेश दिया. दिल्ली वालों ने प्रधानमंत्री मोदी के वादों पर भरोसा किया और BJP ने 8 फरवरी को इतिहास बना दिया. 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता बीजेपी को सौंपी लेकिन 10 दिन बाद भी BJP मुख्यमंत्री के नाम की जगह उसे चुने जाने की तारीख और समय बता रही है. ऐसे में दिल्ली वालों को इंतजार है कि उनसे प्रधानमंत्री मोदी के जरिए किए गए वादों को दिल्ली में कौन पूरा करेगा? अब दिल्ली में बुधवार 18 फरवरी को BJP विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुना जाएगा और गुरुवार को मुख्यमंत्री रामलीला मैदान में शपथ लेगा.
प्रधानमंत्री मोदी बता चुके हैं कि दिल्ली में BJP सरकार सबसे पहले यमुना का पानी स्वच्छ बनाएगी फिर रिवर फ्रंट और ग्रीन कॉरिडोर बनाएगी. वॉटर मेट्रो की संभावना से प्रधानमंत्री मोदी ने इनकार नहीं किया यानी पीएम मोदी के दिमाग में दिल्ली के विकास के ब्लू प्रिंट को लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं है. बस अब सवाल उस चेहरे को लेकर बचा है, जो राजधानी में BJP के इन वादों को जमीन पर उतारेगा. आखिर दिल्ली में अमदाबाद जैसा रिवरफ्रंट बनाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी किसके कंधों पर डालेंगे? वो कौन होगा जो दिल्ली में अहमदाबाद की तरह रिवरफ्रंट बनाकर देश की राजधानी को नया प्रतीक देने का काम करेगा?
दिल्ली वाले किए गए वादों को पूरा होते देखने को बेताब हैं लेकिन उनकी पहली प्राथमिकता उस चेहरे को जानने की है, जिसके नेतृत्व में 27 साल बाद BJP की सरकार बनेगी. दिल्ली में सीएम कौन होगा, इस पर सस्पेंस बनाया हुआ है. जिसने चुनाव हार चुकी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को BJP पर हमला करने का मौका दे दिया है. AAP लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही है कि पार्टी सीएम चुनने में इतना समय क्यों लगा रही है.
20 फरवरी को रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह
BJP भले ही सीएम का नाम नहीं बता रही हो लेकिन उसके शपथ ग्रहण की जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान किया जा सकता है, जो 20 फरवरी को सुबह 11.30 बजे रामलीला मैदान में शपथ लेगा. इससे पहले शाम 4.30 बजे ये कार्यक्रम होना था. तो बीजेपी की तरफ से शपथ की तारीख वक्त और जगह मुकर्रर कर दी गई है. रामलीला मैदान में शपथ के लिए तंबू गढ़ने भी शुरू हो गए हैं. लेकिन विपक्ष मुख्यमंत्री के नाम में हो रही देरी को लेकर लगातार सवाल उठा रहा है.
जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान में वक्त लेना BJP का ट्रेडमार्क बन गया है. चाहे पहली बार साल 2014 में महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान हो या फिर योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपकर चौंकाना. BJP न सिर्फ मुख्यमंत्री चुनने में वक्त लेती है. बल्कि अपने मुख्यमंत्री से सबको हैरान भी करती रही है. इसीलिए BJP विपक्ष के हमलों को भाव नहीं दे रही और आम आदमी पार्टी के जख्मों पर नमक रगड़ने से नहीं चूक रही.

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