
पठानकोट में एक सप्ताह बाद स्कूल खुले, बच्चों में खुशी की लहर... बोले- पढ़ाई पर रहेगा पूरा फोकस
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भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते पठानकोट में बीते एक सप्ताह से बंद पड़े स्कूल आखिरकार आज बुधवार को फिर खुल गए. जैसे ही स्कूल खुले, बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई और पूरे जिले में एक सकारात्मक माहौल नजर आया. छात्रों ने जहां स्कूल खुलने पर प्रशासन का आभार जताया, वहीं शिक्षकों ने इसे बच्चों की पढ़ाई और मानसिक विकास के लिए जरूरी कदम बताया.
भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध जैसे हालात के कारण पिछले एक सप्ताह से पठानकोट में सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था. प्रशासन ने हालात में सुधार देखते हुए निर्णय लिया कि आज बुधवार से सभी स्कूल दोबारा खोले जाएंगे. आज बुधवार की सुबह जब छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे तो उनके चेहरे पर साफ खुशी देखी जा सकती थी. पूरे जिले में एक सकारात्मक ऊर्जा और राहत का माहौल नजर आया।
स्कूल खुलते ही बच्चे उल्लास के साथ स्कूल पहुंचे. छात्रों ने बताया कि वे कई दिनों से घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन स्कूल में आकर पढ़ाई करने का अनुभव ही अलग होता है. छात्रा प्रीति ने कहा कि स्कूल खुलने से वह बहुत खुश है, क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई में वह चीजें उतनी अच्छी तरह समझ नहीं आतीं, जितनी कि क्लासरूम में अध्यापक से पूछकर समझी जा सकती हैं. छात्रा शारदा ने भी प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब वह पूरे मन से पढ़ाई कर सकेगी.
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स्कूल प्रिंसिपल मीनम शिखा ने प्रशासन के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि भारत-पाक युद्ध जैसे हालात के कारण पिछले सप्ताह बच्चों को स्कूल न आ पाने की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी, लेकिन अब जब स्थिति नियंत्रण में है और स्कूल दोबारा खुल चुके हैं, तो बच्चों का मनोबल भी बढ़ेगा और उनकी शिक्षा में सुधार आएगा. उन्होंने बताया कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है और स्कूल प्रशासन सतर्क है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में सीमा पर बढ़े तनाव के चलते सुरक्षा कारणों से स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था. हालांकि अब हालात सामान्य हो रहे हैं और प्रशासन ने धीरे-धीरे सामान्य गतिविधियों को बहाल करना शुरू कर दिया है. स्कूलों के दोबारा खुलने से न सिर्फ छात्रों को राहत मिली है, बल्कि अभिभावकों ने भी चैन की सांस ली है. सभी को उम्मीद है कि अब आगे की पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रह सकेगी.

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