
नजूल की जमीन पर योगी सरकार के बिल में ऐसा क्या था, जो BJP विधायक भी उतरे विरोध में? पढ़ें- पूरी डिटेल
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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नजूल की जमीन को लेकर आई बिल पर घिरती नजर आ रही है. ये बिल विधानसभा में पास हो गया था. लेकिन विधान परिषद में अटक गया. इस बिल का सिर्फ विपक्ष ही नहीं, बल्कि कई बीजेपी विधायकों ने भी विरोध किया था. ऐसे में जानते हैं कि ये नजूल की जमीन होती क्या है? और सरकार के इस बिल में ऐसा क्या था जो इसका इतना विरोध हो रहा है?
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नजूल संपत्ति पर नए बिल को लेकर घिर गई है. इसका बिल यूपी विधानसभा में तो पास हो गया था, लेकिन अगले ही दिन विधान परिषद में अटक गया. अटका भी सिर्फ विपक्ष के कारण ही नहीं, बल्कि खुद बीजेपी विधायकों ने भी इसका विरोध किया था. अब इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजा गया है.
नजूल की जमीन को लेकर योगी सरकार ने इसी साल पांच मार्च को एक अध्यादेश पास किया था. इसे राज्यपाल ने मंजूरी भी दे दी थी. लेकिन कानून बनाने के लिए इसे विधानसभा में लाना जरूरी थी. इसलिए 31 जुलाई को यूपी नजूल संपत्ति (लोकप्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) बिल 2024 पेश किया गया. उस दिन तो भारी विरोध के बावजूद ये बिल पास हो गया.
लेकिन अगले ही दिन यानी 1 अगस्त को जब इसे विधान परिषद में लाया गया तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद के सदस्य भूपेंद्र चौधरी ने इसका विरोध कर दिया. उन्होंने इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की. अब प्रवर समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.
विधानसभा में पास तो विधान परिषद में कैसे अटका?
नजूल संपत्ति को लेकर इस बिल पर पहले से ही विरोध हो रहा था. विपक्ष तो इसके खिलाफ था ही, साथ ही बीजेपी के भी कई नेता खुलकर इसका विरोध कर रहे थे.
केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इसका विरोध किया था और इसे जल्दबाजी में लाया गया बिल बताया था. अनुप्रिया पटेल ने इस बिल को तत्काल वापस लेने की मांग की थी.

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