दिल्ली में टेस्ट घटे तो कोरोना के मामले भी हुए कम! 24 घंटे में आए 1076 केस
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दिल्ली में सोमवार को एक बार फिर कोरोना के नए मामले एक हजार से ज्यादा रहे. हालांकि, आज दूसरे दिन भी किसी की मौत की खबर नहीं है.
दिल्ली में सोमवार को कोरोना के 1076 नए मामले सामने आए. हालांकि, आज भी कोई मौत दर्ज नहीं की गई. जबकि पॉजिटिविटी रेट 6.42% फीसदी रहा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कोरोना के अभी 5744 एक्टिव केस हैं. जबकि हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों की संख्या 178 है.
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 16753 टेस्ट किए गए जिनमें 1076 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. दिल्ली में लगातार कोरोना टेस्टिंग की संख्या घट रही है. राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 24 घंटे में 30 हजार कोरोना टेस्ट किए गए. रविवार को दिल्ली में कोरोना के 1485 मामले सामने आए थे.
शुक्रवार, शनिवार और गुरुवार का आंकड़ा दिल्ली में शनिवार को कोरोना के 1,520 मामले सामने आए थे. जबकि इस बीमारी से एक व्यक्ति की जान चली गई थी. पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो यह 5.10 फीसदी रहा. शुक्रवार को COVID-19 के 1,607 नए मामले सामने आए और दो की मौतों दर्ज की गई. पॉजिटिविटी रेट 5.28 फीसदी रहा. राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को 1,490 COVID-19 के मामले सामने आए और दो लोगों की मौत हो गई. जबकि पॉजिटिविटी रेट 4.62 फीसदी था.
'एंटी बॉडी कर रही असर' दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने पिछले सप्ताह कहा था कि राजधानी में कोरोना के मामले बढ़े हैं, लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है. क्योंकि लोगों के भीतर गंभीर बीमारी जैसा कोई लक्षण नजर नहीं आ रहा. इसके अलावा अस्पताल में भर्ती होने की दर भी कम है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण और एंटी बॉडी के असर से अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है.
सब वैरिएंट BA.2 ज्यादा संक्रामक दुनियाभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. भारत में भी अब इसके कई मामले नजर आ रहे हैं. दिल्ली में पिछले कई दिनों से कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिल रही है. इस बार ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. ओमिक्रॉन की तुलना में इसका सब वैरिएंट BA.2 ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है. CDC ने इसे ओमिक्रॉन के मूल रूप से 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक बताया है. लेकिन फिर भी ये ओमिक्रॉन से अधिक गंभीर नहीं माना जा रहा है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये लंबे समय तक शरीर में बना रह सकता है.
मालूम हो कि बुजुर्गों को कोरोना का ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. कुछ स्वास्थ्य संगठनों के मुताबिक, 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों में कोरोना का खतरा काफी ज्यादा होता है. क्योंकि 60 साल की उम्र के बाद लोगों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है. और उन्हें कई तरह की बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है.
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