दिल्ली की सीमाओं पर सालभर से बैठे किसान नाचते-गाते लौट रहे घर, देखें
AajTak
कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों पर केंद्र से मिली सहमति के बाद से किसान की घर वापसी शुरू हो गई है. दिल्ली के अलग- अलग बॉर्डर पर 380 दिनों से डेरा डाले किसान अपने घरों का रुख करने लगे हैं. दिल्ली बॉर्डर से किसानों की रवानगी शुरू हो गई है. आज सुबह 8.30 बजे किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों के जत्थे को बिजनौर के लिए रवाना किया. गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले एक साथ से कृषि कानूनों की वापसी समेत अन्य मांगों को लेकर एक साल से डटे हुए थे. देखें गाजीपुर बॉर्डर से घर वापसी करते किसानों पर ये रिपोर्ट.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.