दिल्ली की बैठक से गहलोत को झटका, कांग्रेस के रुख के बाद क्या पायलट भरेंगे सियासी उड़ान!
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दिल्ली में हुई राजस्थान कांग्रेस की मीटिंग के दौरान खड़गे ने राहुल गांधी की मौजूदगी में मुस्कुराते हुए गहलोत से कहा कि वह अपना क्रेप बैंडेज उतार फेंकें और चुनाव मैदान में उतरें. मीटिंग में सचिन पायलट की वह तीनों मांगें भी मान ली गई हैं, जिन्हें लेकर वह अपनी ही सरकार के खिलाफ लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं.
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर रणनीतियों और बैठकों का दौर जारी है. इसी क्रम में गुरुवार को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में राजस्थान कांग्रेस की अहम बैठक हुई. इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अशोक गहलोत को कबीरदास का दोहा ''काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में परलय होगी, बहुरि करेगा कब..." सुनाया. हालांकि इस दोहे के कई मायने निकाले जा रहे हैं. उधर, अटकलें ये भी लगने लगी हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में पायलट की भूमिका अहम हो सकती है. क्योंकि मीटिंग में पायलट की तीनों मांगें स्वीकार कर ली गई हैं. बता दें कि गहलोत इस मीटिंग में वर्चुअल रूप से जुड़े थे. हाल ही में अशोक गहलोत के पैर में चोट लग गई थी, इसी वजह से वह ऑनलाइन ही इस मीटिंग में शामिल हुए.
मीटिंग में खड़गे ने राहुल गांधी की मौजूदगी में मुस्कुराते हुए गहलोत से कहा कि वह अपने पैर में बंधा क्रेप बैंडेज उतारकर फेंक दें और चुनाव मैदान में उतरें. वहीं, AICC महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गहलोत को याद दिलाया कि कैसे ममता बनर्जी ने पैर में फ्रैक्चर के कारण 2021 का बंगाल विधानसभा चुनाव व्हीलचेयर से लड़ा था.
राजस्थान कांग्रेस की इस अहम बैठक में कई बातें सामने आईं. चर्चा के दौरान राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल के साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे काफी मुखर नजर आए.पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सीएम गहलोत को सचिन पायलट की तीन प्रमुख मांगों को मजबूती के साथ लागू करने के लिए कहा गया है. इसमें आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग, वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच और भर्ती परीक्षा के पेपर लीक को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना शामिल हैं.
गहलोत ने मीटिंग में गिनाईं उपलब्धियां
मीटिंग के दौरान जब गहलोत ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों की तीन पन्नों की सूची सौंपी है, तो खड़गे ने उन्हें उस पत्र के बारे में याद दिलाया जो उन्होंने लिखा था और मुख्यमंत्री से राज्य में दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था. खड़गे ने कहा कि उन्हें यह सुनकर शर्मिंदगी हुई कि दलितों के खिलाफ अपराध करने वाले आसानी से बच जा रहे हैं.
वेणुगोपाल ने की बड़ी घोषणा
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