झारखंड में सरकार पर संकट के बीच पुरानी पेंशन योजना बहाल, CM सोरेन बोले- एक और वादा पूरा हुआ
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कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि 15 जुलाई को हुई पिछली कैबिनेट बैठक में नई अंशदायी पेंशन योजना को खत्म करते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने बताया कि इस संबंध में निर्णय लिया गया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए एक एसओपी तैयार की जाएगी.
झारखंड में हेमंत सरकार पर संकट के बीच गुरुवार को पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है. राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मंजूरी दे दी है. राज्य में पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया था और इसे राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) से बदल दिया गया था. 18 साल बाद पुरानी पेंशन योजना बहाल किए जाने से सरकारी कर्मचारियों में खुशी देखी जा रही है.
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि 15 जुलाई को हुई पिछली कैबिनेट बैठक में नई अंशदायी पेंशन योजना को खत्म करते हुए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने बताया कि इस संबंध में निर्णय लिया गया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए एक एसओपी तैयार की जाएगी, जिसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. योजना को एक सितंबर से प्रभावी माना जाएगा.
सरकारी कर्मचारियों ने मनाईं खुशियां
सैकड़ों सरकारी कर्मचारियों ने शाम को राज्य सचिवालय में जमा होकर पुरानी पेंशन योजना के लागू होने का जश्न मनाया. समारोह की तस्वीरें साझा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया- एक और वादा पूरा हुआ.
14 फीसदी राज्य सरकार देती है योगदान
बता दें कि पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार देती है. एनपीएस में कर्मचारी अपने वेतन का 10 फीसदी पेंशन में योगदान करते हैं जबकि राज्य सरकार 14 फीसदी योगदान करती है. पुरानी पेंशन योजना के लागू होने से झारखंड सरकार के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.
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