जाति आधारित रैलियों पर रोक लगाने को चार दलों और चुनाव आयुक्त को नया नोटिस जारी
The Wire
11 जुलाई 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों के आयोजन पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पीठ ने इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए चार प्रमुख दलों- भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा को नोटिस जारी किया था, लेकिन नौ साल बाद भी न तो किसी दल ने और न ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने अदालत में कोई जवाब दाख़िल किया है.
इसके साथ ही अदालत ने मुख्य चुनाव आयुक्त को भी नोटिस देकर जवाब मांगा है कि ऐसी रैलियों पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
पीठ ने नोटिस में जवाब मांगा है कि राज्य में जाति आधारित रैलियों पर ‘हमेशा के लिए पूर्ण प्रतिबंध’ क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए और अगर ऐसा किया जाता है, तो चुनाव आयोग को उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए.
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 15 दिसंबर तय की है.
हाईकोर्ट ने 2013 में ही अंतरिम आदेश जारी करते हुए जाति आधारित रैलियों पर अंतरिम रोक लगा दी थी.