
जहरीली हवा, गंदा पानी और ट्रैफिक जाम में फंसी जिंदगानी... दिल्ली का ये दुख काहे खत्म नहीं होता!
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दिल्ली इस वक्त प्रदूषण की भयंकर मार से जूझ रहा है. कई इलाकों में AQI का स्तर 500 को पार कर गया है. हालात गंभीर बने हैं. स्कूल बंद कर दिए गए हैं. कई पाबंदियां भी लगा दी गई हैं. लेकिन सिर्फ प्रदूषण ही दिल्ली की बड़ी समस्या नहीं है. यहां और भी कई सारी समस्याएं हैं, जिनसे दिल्लीवालों को सालभर दो-चार होना पड़ता है.
क्या भारत को अब अपनी राजधानी दिल्ली से बदलकर कुछ और कर लेनी चाहिए? ये सवाल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उठाया है. वो इसलिए क्योंकि दिल्ली इस वक्त प्रदूषण की भयंकर चपेट में है. लगातार दूसरे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 500 के पार चला गया है. इसे गंभीर माना जाता है. यानी, दिल्ली की हवा इतनी खराब है कि बीमारों को तो छोड़िए, अच्छे-खासे तंदरुस्त लोगों को भी कई सारी परेशानियां हो सकती हैं.
लेकिन ये सिर्फ इसी साल की कहानी नहीं है. दिल्ली में हर साल की यही कहानी है. अब तो ऐसा लगने लगा है कि प्रदूषण में जीना दिल्ली वालों के लिए 'न्यू नॉर्मल' बन गया है. शायद यही कारण है कि दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी में पहले नंबर पर रखा गया है.
लेकिन सिर्फ प्रदूषण ही यहां की एकमात्र समस्या नहीं है. वैसे तो दिल्ली में ढेरों समस्याएं हैं, लेकिन कुछ परेशानियां ऐसी हैं, जिनसे यहां रहने वाले लोगों को दो-चार होना पड़ता ही है.
हवा में जहर या जहर में हवा!
दिल्ली वालों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक प्रदूषित हवा है. एक वक्त तो ऐसा आता है कि समझ नहीं आता कि हवा में जहर है या जहर में हवा है.
सितंबर के बाद से हवा की क्वालिटी बिगड़नी शुरू हो जाती है. और फिर जब सर्दियां शुरू होती हैं तब तो सांस लेना भी मुश्किल होता है. आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में सिर्फ एक दिन ही ऐसा था, जब AQI का स्तर 50 से कम था. जबकि, AQI का स्तर 60 दिन 'संतोषजनक', 145 दिन 'मध्यम', 77 दिन 'खराब', 67 दिन 'बहुत खराब' और 15 दिन 'गंभीर' की श्रेणी में था.

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