
जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले हो गई गिरफ्तारी, पुलिस ने ऐसे बिगाड़ा विभव कुमार का खेल
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स्वाति मालीवाल से मारपीट करने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को तीस हजारी से राहत नहीं मिल पाई है. कोर्ट के आदेश से पहले ही उनकी गिरफ्तारी हो गई थी. लिहाजा गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए दाखिल अंतरिम जमानत अर्जी निष्प्रभावी हो गई.
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट करने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई. कोर्ट के आदेश से पहले ही उनकी गिरफ्तारी हो गई थी. लिहाजा गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए दाखिल अंतरिम जमानत अर्जी निष्प्रभावी हो गई. विभव की गिरफ्तारी की वजह से ही उनका सारा खेल बिगड़ गया.
तीस हजारी कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील अनुज त्यागी ने सभी पक्षों की दलीलें सुनी. उसके बाद कहा कि एडिशनल पब्लिक प्रासीक्यूटर ने कोर्ट को बताया है कि विभव कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया कि शाम 4.15 बजे विभव कुमार की गिरफ्तारी हुई है.
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की लीगल सेल के सूत्रों ने कानूनी ट्विस्ट देते हुए कहा है कि हमारी तरफ से कोई भी याचिका कोर्ट मे नहीं दी गई थी. हमने सिर्फ ऑफिशियली एफआईआर की कॉपी मांगने के लिए एक एप्लीकेशन लगाई है. दिल्ली पुलिस ने सीआरपीसी 41 नोटिस के बिना ही विभव कुमार को गिरफ्तार किया है. यह बात हम कोर्ट में उठाने वाले हैं.
इससे पहले तीस हजारी कोर्ट में विभव कुमार के वकील एन हरिहरन ने दलील रखते हुए कहा कि उनके मुवक्किल दोपहर 12 बजे से पुलिस स्टेशन में मौजूद है. उनकी गिरफ्तारी की आशंका है. उन पर आईपीसी की धारा 308 सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. कोई ऐसी धारा नहीं लगी है जिसमें 7 साल से ज़्यादा की सजा हो.
उन्होंने कहा कि कोई भी नोटिस इस केस में आरोपी को नहीं दिया गया है. वो चार घंटे से पुलिस स्टेशन में है. अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है कि वहां क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो आरोप लगे हैं उन पर कोई विश्वास नहीं कर सकता. अभी विभव की स्थिति क्या है, उसके बारे में हमको नहीं पता है. आशंका है कि उनको गिरफ्तार कर लिया जाए.
एन हरिहरन ने स्वाति मालीवाल की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर पढ़ कर कोर्ट को सुनाया. इसी दौरान वरिष्ठ वकील राजीव मोहन भी विभव की पैरवी करने कोर्ट में पहुंच गए. उन्होंने दलील दी कि सीएम आवास पर कोई ऐसी हरकत क्यों करेगा. स्वाति मालीवाल के आरोप समझ से परे है. विभव ऐसे मारपीट क्यों करना शुरु कर देगा? ये समझ से परे है.

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