चाचा बनाम भतीजा: शरद पवार की घड़ी टिक-टिक तो कर रही है लेकिन चाबी किसके पास?
AajTak
महाराष्ट्र में अजित पवार अपने चाचा और एनसीपी के संस्थापक शरद पवार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. शरद पवार की घड़ी टिक-टिक तो कर रही है लेकिन इस घड़ी की चाबी किसके पास है?
महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे की लड़ाई अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नाम और निशान पर आ गई है. अजित पवार के खेमे ने मुंबई में समर्थकों के साथ बैठक कर शक्ति प्रदर्शन किया और इसके बाद एनसीपी के नाम-निशान पर दावा करते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा दिया. शरद पवार की ओर से भी चुनाव आयोग में कैविएट दाखिल कर ये अपील कर दी थी कि उनका पक्ष भी सुना जाए.
मुंबई में नंबर गेम की लड़ाई में मराठा क्षत्रप शरद पवार भतीजे अजित से बहुत पीछे नजर आए. अजित के खेमे ने चुनाव आयोग पहुंचकर पार्टी पर दावा कर दिया तब 2 जुलाई से छिड़ी इस बहस ने और जोर पकड़ लिया कि असली एनसीपी किसकी है? शरद पवार की घड़ी टिक-टिक तो कर रही है लेकिन इस घड़ी की चाबी किसके पास है? शरद पवार के ही पास या अजित ले उड़े?
किसके पक्ष में नंबर गेम
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 5 जून को शरद पवार और अजित पवार, दोनों ने ही एनसीपी की मीटिंग बुलाई थी. दोनों ही तरफ से विधायकों को मौजूद रहने के निर्देश दिए गए, व्हिप का दांव भी चला गया. अजित खेमे की बैठक 11 बजे से शुरू हुई और इसके बाद पवार कैंप की. दावा है कि अजित की मीटिंग में 32 विधायक और चार एमएलसी पहुंचे थे.
अजित गुट का दावा ये भी है कि चार से पांच विधायकों ने फोन कर समर्थन दिया है. चार से पांच और विधायक भी संपर्क में हैं. दूसरी तरफ, शरद पवार की बैठक में 15 विधायकों के पहुंचने का दावा किया गया. बाकी विधायक अभी तटस्थ बताए जा रहे हैं. अगर बैठक को आधार मानें तो संख्याबल अजित के पाले में अधिक नजर आ रहा है. सांसदों के स्टैंड को लेकर तस्वीर अभी अधिक साफ नहीं हो सकी है.
संगठन पर किसकी पकड़
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि मणिपुर पिछले 1 साल से शांति की प्रतीक्षा कर रहा है. भागवत ने कहा कि संसद में विभिन्न मतों के बीच सहमति बनाना कठिन है, लेकिन यह आवश्यक है. उन्होंने समाज में फैल रही असत्य बातों और कलह पर भी चिंता जताई. मणिपुर में शांति लाने के लिए प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया.