गोरक्षा दल का सदस्य, 2 लोगों को जिंदा जलाने का आरोपी... कौन है मोनू मानेसर जिसका मेवात हिंसा में आया नाम?
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मेवात में हिंसा भड़कने का कारण भिवानी कांड का आरोपी मोनू मानेसर बताया जा रहा है. उसके मेवात जाने की खबर ने माहौल को गर्मा दिया था. इलाके के लोगों ने मोनू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी. अब हिंसा की ये सारी कहानी उसी मोनू मानेसर के इर्द गिर्द घूम रही है.
हरियाणा के मेवात और नूंह इलाके में महज मोनू मानेसर के एक वीडियो और उसकी मौजूदगी की अफवाह के चलते दो समुदायों के बीच जबरदस्त बवाल हुआ. दोनों तरफ से जमकर पत्थर चले. कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई. नूंह हिंसा में दो होमगार्डस और तीन नागरिकों की मौत हो गई. 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए. सोहना में भी आगजनी हुई. हिंसा भड़कने का कारण भिवानी कांड का आरोपी मोनू मानेसर को बताया जा रहा है. उसके मेवात जाने की खबर ने माहौल को गर्मा दिया था. इलाके के लोगों ने मोनू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी. अब हिंसा की ये सारी कहानी उसी मोनू मानेसर के इर्द गिर्द घूम रही है.
कौन है मोनू मानेसर? मोनू मानेसर का पूरा नाम मोहित यादव है. वह मानेसर का रहने वाला है. यही वजह है कि वो अपने नाम में मानेसर लगाता है. उसके पिता की मौत हो चुकी है. उसका एक छोटा भाई और एक बहन है. मोनू मानेसर शादीशुदा है. उसके दो बच्चे भी हैं. वो पिछले 10-12 वर्षों से बजरंग दल से जुड़ा है. वह पिछले कुछ सालों से गो तस्करों से मुठभेड़ के मामलों में शामिल पाया गया. शातिर मोनू पर एक युवक को गोली मारने का भी आरोप लग चुका है. इस मामले में वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है. मोनू काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का सदस्य भी बताया जाता है.
ऐसे चर्चाओं में आया था मोनू मानेसर मोनू मानेसर का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब उसने साल 2019 में कथित गोतस्करों का पीछा करते वक्त उन पर गोली चलाई थी. बाद में उसे साल 2015 में गाय संरक्षण कानून लागू होने के बाद हरियाणा सरकार ने जिला गाय संरक्षण टास्क फोर्स का सदस्य बनाया था. वो अक्सर सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करता है. अब वो एक आपराधिक किस्म का व्यक्ति है. उसके खिलाफ हरियाणा में ही कई मामले दर्ज थे. लेकिन राजनीतिक कारणों से वो मुकदमें वापस ले लिए गए.
दो लोगों को जिंदा जलाने का आरोप इसी साल 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में जलती बोलेरो जीप में दो कंकाल मिले थे. मृतकों की पहचान नासिर (25) और जुनैद (35) के तौर पर हुई थी. दोनों राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे. आरोप था कि बजरंग दल के कार्यतकर्ताओं ने पहले उन दोनों का भरतपुर से अपहरण किया था और फिर उनकी हत्या कर दी थी. दोनों के शव भरतपुर से करीब 200 किलोमीटर दूर भिवानी के लोहारू में मिले थे.
पहले अपहरण, फिर हत्या जांच में पुलिस का कहना था कि मामला गौ तस्करी का है या नहीं. ये कहना अभी मुश्किल है. इसी दौरान पुलिस को पता चला था कि भरतपुर के भोपालगढ़ के घाटमी गांव के रहने वाले खालिद ने गोपालगढ़ थाने में बुधवार यानी 15 फरवरी को ही दो लोगों के अगवा होने की शिकायत दर्ज कराई थी. इस पूरे मामले की जांच आगे बढ़ी तो शातिर मोनू मानेसर का नाम सामने आया था.
मोनू मानेसर समेत पांच लोग थे नामजद इस मामले में दर्ज कराई गई FIR के मुताबिक, वादी के दो चचेरे भाई जुनैद और नासिर हरियाणा के फिरोजपुर में किसी काम से गए थे. लेकिन किसी अनजान व्यक्ति ने उसे फोन करके बताया था कि एक बोलेरो कार में कुछ लोग मारपीट करते हुए दो लोगों को जंगल की ओर ले गए हैं. उसने आरोप लगाया कि मोनू मानेसर, अनिल, श्रीकांत, रिंकू सैनी और लोकेश सिंगला ने दोनों को अगवा किया था. बताया गया था कि सभी पांचों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं और बजरंग दल से जुड़े हैं.
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