'गली में मास्क लगाकर निकलता हूं, लोग परेशान करते हैं', 160 रुपये की सेल लगाने वाले वायरल मुल्ला जी ने छोड़ दी नौकरी
AajTak
दिल्ली के सीलमपुर मार्केट में कपड़े की दुकान करने वाले छोटे कद के मुल्ला जी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो चुके हैं. इसकी वजह से उन्हें आसपास के गांव-गली के लोग बखूबी पहचान गए हैं. यहां तक कि इलाके के शरारती लड़के उन्हें परेशान भी कर रहे हैं, जिससे तंग आकर उन्होंने नौकरी भी छोड़ दी है.
उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर मार्केट में 160 रुपये की सेल लगाने वाले आमिर उर्फ मुल्लाजी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए. एक दिन में 10 लाख से ज्यादा लोगों ने मुल्लाजी को सोशल मीडिया पर देखा, लेकिन रातो-रात स्टार बने आमिर को जितनी तेजी से प्रसिद्धि मिली, उतनी ही तेजी से आमिर की मुश्किलें भी बढ़ना शुरू हो गई.
बता दें कि आमिर उत्तर पूर्वी दिल्ली स्थित चौहान बांगर इलाके में एक किराए के मकान में रहते हैं. वो अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए सीलमपुर स्थित एक रेडीमेड कपड़े की दुकान पर नौकरी कर रहे थे और ग्राहकों को लुभाने के लिए एक अलग ही अंदाज में 160 रुपये की आवाज लगाकर ग्राहकों को बुलाते थे. किसी ने इनका वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया.
घर से मास्क लगाकर निकलते हैं मुल्लाजी
इसके बाद मुल्लाजी उर्फ आमिर एक रात में इतना प्रसिद्ध हो गए कि सोशल मीडिया पर उनकी तरह आवाज लगा कर रील्स बनाई जाने लगीं. इस समय हालत ये है कि मुल्लाजी को अपने घर से बाहर निकलने के लिए चेहरे पर मास्क लगाना पड़ता है ताकि इलाके के लोग उन्हें पहचान न सकें.
गलियों में घेर लेते हैं शरारती
हालांकि छोटा कद होने की वजह से लोग उन्हें पहचान लेते हैं और कुछ शरारती किस्म के लड़के उन्हें जबरदस्ती पकड़कर 160 रुपये में कपड़े की आवाज लगवाते हैं. जब मुल्लाजी इसका विरोध करते हैं तो वो लड़के बदतमीजी करने लगते हैं और कपड़े खींचने लगते हैं. ऐसा ही एक वीडियो सामने आने के बाद मुल्लाजी की मुश्किल ज्यादा बढ़ गईं. फिलहाल मुल्लाजी ने रेडीमेड दुकान से काम छोड़ दिया है और अब नए काम की तलाश कर रहे हैं.
कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने SP और कलेक्टर को फोन पर इसकी जानकारी दी है. कोटड़ा पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है. हालांकि इस मामले पर खराड़ी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. पुलिस का कहना है कि एक बार आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाए उसके बाद ही ऑफिशियल स्टेटमेंट दिया जाएगा. इससे पहले भी बाबूलाल खराड़ी को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है.
राहुल गांधी अमेठी छोड़कर रायबरेली क्यों आए? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस कहती है कि रायबरेली सिर्फ़ सोनिया गांधी की नहीं, इंदिरा गांधी की सीट रही है. कांग्रेस बताती है कि ये विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है. वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि रायबरेली से नामांकन करना भावुक पल था. मां ने भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है. अमेठी और रायबरेली उनके लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही परिवार हैं.
मुबंई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम आज शिवसेना में शामिल हो गए हैं. संजय ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना का दामन थामा. दरअसल संजय निरुपम ने अविभाजित शिवसेना से ही अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. संजय निरुपम ने साल 2005 में कांग्रेस का दामन थामा था ऐसे में करीब 2 दशक बाद संजय निरुपम की शिवसेना में वापसी हो रही है.