
क्रिसमस पर पीएम मोदी के चर्च जाने के क्या मायने, समझें
AajTak
क्रिसमस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के रिडेम्पशन कैथेड्रल चर्च की मॉर्निंग प्रेयर और कैरोल्स में शामिल हुए. इस सेवा की अध्यक्षता दिल्ली के बिशप डॉ. पॉल स्वरूप ने की और प्रधानमंत्री के लिए विशेष प्रार्थना की गई.
क्रिसमस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली के रिडेम्पशन का कैथेड्रल चर्च की मॉर्निंग प्रेयर और कैरोल्स में शामिल हुए. यहां कैरोल्स का मतलब उन भक्ति गीतों से होता है, जो क्रिसमस के मौके पर ईसा मसीह को लेकर गाए जाते हैं. दिल्ली के बिशप डॉ. पॉल स्वरूप ने खुद इस मॉर्निंग सर्विस की अध्यक्षता की और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी विशेष रूप से प्रार्थना की.
पिछले कुछ सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियमित रूप से ईसाई समुदाय से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. साल 2023 में जब ईस्टर के मौके पर दिल्ली के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ, तब भी प्रधानमंत्री मोदी इसका हिस्सा बने थे.
इसके अलावा साल 2023 में ही क्रिसमस के मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री आवास पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया था.
साल 2024 में उन्होंने केन्द्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन के घर पर डिनर और साथ ही कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था और इस बार भी वो क्रिसमस के मौके पर दिल्ली के एक चर्च की मॉर्निंग सर्विस में शामिल हुए. इससे ये पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी का भारत के ईसाई समुदाय के साथ नियमित संपर्क और एक अलग सहभागिता लगातार बनी हुई है. हालांकि यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि हमारे देश में कई नेता हिन्दू कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री मोदी के शामिल होने पर आपत्ति जताते हैं.
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में जब प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया, जब विपक्षी दलों ने उनकी आलोचना की. हमारे ही देश में एक वर्ग ऐसा भी है, जो प्रधानमंत्री मोदी को हिन्दुओं का प्रधानमंत्री बताता है. लेकिन हकीकत में ये सब राजनीति के लिए होता है.
भारत के स्वभाव में सभी धर्मों का विश्वास शामिल है और जब प्रधानमंत्री मोदी मंदिर जाते हैं, क्रिसमस पर चर्च जाते हैं, ईद पर मुस्लिम भाइयों को बधाई देते हैं और सिखों के त्योहारों पर पगड़ी पहनकर गुरुद्वारे जाते हैं, तब वो भारत के संविधान को पूरी दुनिया में परिभाषित कर रहे होते हैं. लेकिन राजनीति में कई बार सिर्फ वोटों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का मंदिर जाना कई पार्टियों को परेशान कर जाता है. वैसे ये वही राजनीति है, जिसमें अल्पसंख्यकों की बात आने पर सबसे ज़्यादा हल्ला सिर्फ मुस्लिम समुदाय को लेकर होता है लेकिन हकीकत तो ये है कि इस देश में ईसाई भी इसी अल्पसंख्यक वर्ग में आते हैं.

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया. यहां उन्होंने जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्तियों का अनावरण करके पुष्पांजलि अर्पित की. इसके अलावा भारत माता की मूर्ति को भी नमन किया. इस दौरान पीएम मोदी के साथ राजनाथ सिंह,योगी आदित्यनाथ और यूपी बीजेपी के कई नेता मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने एक ओर बीजेपी के कामों और इन नेताओं की तारीफ की तो वहीं विपक्ष पर भी जमकर हमला किया.

भारत ने मंगलवार को आकाश नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण कर अपनी स्वदेशी एयर डिफेंस क्षमताओं को और मजबूत किया है. यह मिसाइल सिस्टम हवाई लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से इंटरसेप्ट करने में सक्षम है. रक्षा जानकार कर्नल सजीव मलिक ने इस मिसाइल की मारक क्षमता और तकनीकी खूबियों के बारे में जानकारी दी. यह उपलब्धि भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर राष्ट्र प्रेरणा स्थल का लोकार्ण करने आए. इस मौके पर पीएम मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उनकी जयंती पर सम्मान दिया. यह स्थल राज्य में प्रेरणा और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है. प्रधानमंत्री के इस दौरे से प्रदेश की जनता को भी गर्व महसूस हुआ. राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को अटल जी की विचारधारा से जुड़ना और प्रेरणा लेना है.










