
क्यों टीना डाबी (IAS) से अधिक उनकी जाति की होती रही है चर्चा?
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IAS टीना डाबी, 2015 में यूपीएससी टॉप करने के बाद से ही अपनी जाति को लेकर लोगों के निशाने पर रही हैं. तब लोगों ने रिजर्वेशन की क्राइटेरिया पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे. अब टीना दूसरी शादी करने जा रही हैं और एक बार फिर से उनकी जाति चर्चा का विषय बन गई है.
साल 2015 में UPSC एग्जाम में टॉप करने के बाद टीना डाबी लगातार चर्चा में रही हैं. वो दलित हैं. ऐसे में उन्हें 'UPSC का पहला दलित टॉपर' का टैग दे दिया गया. IAS टीना डाबी भी कई मंचों से पिछड़ों के उत्थान की बात करती रही हैं.
बाद में उन्होंने एक मुस्लिम से प्यार किया और शादी भी की. इस दौरान उन्हें जाति ही नहीं, धर्म के बंधन को भी तोड़ते हुए देखा गया. कई लोगों ने इंटर रिलीजन मैरिज करने के लिए टीना डाबी की तारीफ की.
अब टीना की दूसरी शादी IAS प्रदीप गवांडे से हो रही है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि होने वाले पति की जाति एक बोनस पॉइंट है.
जब टीना ने कहा था- भारत अब भी बहुत जातिवादी है
साल 2015 के यूपीएससी रिजल्ट आने के बाद ही सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी थी कि टीना डाबी ने जाति का फायदा उठाकर एग्जाम में टॉप किया है. लोग आरक्षण पर सवाल उठाने लगे और टीना को कोसने लगे.
दरअसल, तब टीना डाबी यूपीएससी एग्जाम के पहले फेज (prelims) में रिजर्वेशन के कटऑफ के तहत पास हुई थीं. वह SC/ST कैटेगरी के कम कटऑफ मार्क्स की वजह से मेंस एग्जाम दे पाई थीं. जबकी उनसे ज्यादा नंबर लाकर भी जनरल कैटेगरी के कई कैंडिडेट्स मेंस के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके थे.

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