कोरोना: विदेश में बनी वैक्सीन को मंजूरी पर सरकार ने लिया ये अहम फैसला
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कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत सरकार अब विदेशी वैक्सीन को जल्द मंजूरी देने की प्रक्रिया अपना सकती है.
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत सरकार अब विदेशी वैक्सीन को जल्द मंजूरी देने की प्रक्रिया अपना सकती है. सरकार के मुताबिक, जिन विदेशी निर्माताओं की वैक्सीन को अन्य देशों में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें भारत में भी जल्द मंजूरी देने की कोशिश की जाएगी. ताकि भारत में बड़ी मात्रा में वैक्सीन का निर्माण हो पाए. बयान के मुताबिक, जिन वैक्सीन को विदेशों में इस्तेमाल किया जा रहा है और USFDA, EMA, UK MHRA, PMDA या WHO जैसी एजेंसियों द्वारा मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें जल्द ही भारत में मंजूरी मिल सकती है. जिन विदेशी वैक्सीन को मंजूरी मिलेगी, उन्हें पहले यहां पर परखा जाएगा और सही पाने के बाद ही समूचे देश में वैक्सीन देने की इजाजत मिलेगी. आपको बता दें कि देश में इस वक्त कुल दो कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. इसके अलावा बीते दिन ही DCGI ने रूस की स्पुतनिक वी को भारत में मंजूरी दी है. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं द्वारा लगातार मांग की जा रही थी कि सरकार को विदेशी वैक्सीन को भी मंजूरी देनी चाहिए. ताकि अधिक से अधिक संख्या में देश में वैक्सीन लगाई जा सके. देश में अभी करीब 11 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज़ लगाई जा चुकी हैं. इस वक्त भारत में 45 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. बीते दिनों ही भारत ने सबसे कम दिनों में 10 करोड़ डोज़ लगाने का कीर्तिमान हासिल किया था.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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