
कोरोना के बाद अब नए वायरस का अटैक! COVID-19 जैसा घातक साबित होगा Marburg?
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कोरोना संक्रमण से अभी दुनिया उभर भी नहीं पाई थी कि एक और नई बीमारी पांव पसारने लग गई है. ये बीमारी है मारबर्ग. इस संक्रमण से घाना में 2 मरीजों की मौत हो चुकी है.
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने हड़कंप मचाया था. करोड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ी. ऐसे में जैसे ही किसी नए वायरस का नाम सामने आता है तो लोगों के होश उड़ जाते हैं. ताजा मामला मारबर्ग वायरस का है.
दुनिया भर के ज्यादातर देश कोरोना का कहर देख चुके हैं. कोरोना के कारण कई देशों को लॉकडाउन का सामना करना पड़ा और करोड़ों लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी. इससे दुनिया के कई देशों में आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा. जिंदगियां पटरी पर लौटने में लंबा वक्त लग गया. ऐसे में घाना में मारबर्ग वायरस के दो मामले सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है.
स्काई न्यूज के मुताबिक घाना में पिछले महीने 2 लोगों की मौत हो गई थी. उनकी जांच रिपोर्ट अब सामने आई है और वे पॉजिटिव पाए गए हैं. उनमें एक की उम्र 26 साल और दूसरे की उम्र 51 साल बताया गया है. प्रशासन ने दोनों के संपर्क में आने वाले लोगों को आइसोलेट कर दिया है. हालांकि अबतक उन लोगों में कोई सिम्पटम्स नहीं देखा गया है. यह पहला मौका है जब पश्चिम अफ्रीकी देश घाना में इस वायरस के केस सामने आए हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) भी इसे लेकर अलर्ट हो गया है. डब्लूएचओ अफ्रीका के रिजनल डायरेक्टर Dr. Matshidiso Moeti ने कहा, ''हेल्थ अथॉरिटी इसे लेकर अलर्ट हो गई है ताकि अगर वायरस तेजी से फैलता है तो तुरंत कार्रवाई की जा सके. अगर मारबर्ग को लेकर तुरंत सावधानियां नहीं बरतीं गईं तो इस वायरस के तेजी से फैलने पर हालात बेकाबू हो सकते हैं. डब्लूएचओ हेल्थ अथॉरिटी को मदद कर रहा है और हम हालात को नियंत्रण में करने के लिए अधिक से अधिक साधन मुहैया करा रहे हैं." इबोला जैसा खतरनाक है मारबर्ग
इबोला वायरस दुनिया में जानलेवा साबित हो चुका है. इबोला Filoviridae फैमिली से संबध रखता है और मारबर्ग भी इसी फैमिली से आता है. ऐसे में ये दोनों ही वायरस काफी खतरनाक है. कहा जा रहा है कि मारबर्ग इबोला से भी ज्याता तेजी से संक्रमण फैलाता है. इसलिए इस पर शुरुआत में काबू करना जरूरी है नहीं तो ये घातक साबित हो सकता है. बता दें कि इबोला वायरस का मामला सबसे पहले 1976 में कांगो और सूडान में सामने आया था. लेकिन 2014 और 2016 के बीच पश्चिम अफ्रीका में इबोला का तेजी से संक्रमण देखने को मिला था और करीब 28 हजार केस सामने आए थे.
मारबर्ग के लक्षण क्या हैं?

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