
कोई अकेला कमाने वाला, तो कोई पेट्रोल पंप पर ही करता था काम... मुंबई हादसे के पीड़ितों की दर्दभरी दास्तां
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बिल बोर्ड के गिरते ही चारों तरफ चीख पुकार मच गई. करीब 100 लोग इस बिल बोर्ड के नीचे दब गए थे. घटना की जानकारी मिलते ही लोकल पुलिस, फायर ब्रिगेड और NDRF की टीम को बुलाया गया. रात भर रेस्क्यू ऑपेरशन चलता रहा लेकिन इस हादसे में 14 लोगों की जान चली गई.
दिन सोमवार, शाम के करीब चार बजे मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में अचानक मौसम बदल गया. तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई. कुछ लोगों को लग रहा था कि यह बारिश चिलचिलाती धूप और उमस से राहत देगी. लेकिन कुछ मिनटों में ही मुंबई के घाटकोपर की एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया. घाटकोपर के पंत नगर इलाके में एक बिल बोर्ड तेज हवा की रफ्तार को बर्दाश्त नहीं कर पाया और अचानक से एक पेट्रोल पंप पर गिर गया. बिल बोर्ड के गिरते ही चारों तरफ चीख पुकार मच गई. करीब 100 लोग इस बिल बोर्ड के नीचे दब गए थे. घटना की जानकारी मिलते ही लोकल पुलिस, फायर ब्रिगेड और NDRF की टीम को बुलाया गया. रात भर रेस्क्यू ऑपेरशन चलता रहा लेकिन इस हादसे में 14 लोगों की जान चली गई.
दोस्त ने की घर पर खबर
इन्हीं 14 लोगों में एक थे बशीर अहमद शेख. करीब 49 साल के बशीर जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले थे और मुंबई में टैक्सी चलाते थे. हर दिन की तरह सोमवार को भी वह पैसेंजर को लेकर ठाणे की तरफ जा रहे थे. लेकिन जैसे ही वह पंत नगर पहुंचे वह अपनी टैक्सी में CNG भरवाने के लिए रुक गए. मृतक बशीर के भाई मजीद शेख के मुताबिक CNG पंप पर उनकी पहचान का एक और टैक्सी ड्राइवर मिल गया जो बशीर से आगे थे. दोनों में बातचीत हुई. इस दौरान टैक्सी वाले की टैक्सी में CNG भर चुका था. वह बशीर से मिलने के बाद जैसे ही पेट्रोल पंप के बाहर निकला, वहां लगा हुआ बिल बोर्ड अचानक से गिर गया और चारों तरफ अफरातफरी मच गई.
बिल बोर्ड के नीचे दबे लोग बचाने के लिए मदद मांग रहे थे. टैक्सी ड्राइवर को यह समझते देर न लगी कि उसका दोस्त भी इसी के अंदर फंस चुका है. उस टैक्सी ड्राइवर ने तुरंत ही बशीर की पत्नी को फोन कर घटना की जानकारी दी. बशीर के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा एक बेटी भी है जो शादी की लायक हो चुकी है. अपने आदमी की तलाश में यह परिवार घटनास्थल पर पहुंचा लेकिन बशीर के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी.
रात करीब 3 बजे कुछ शव अंदर से निकाले गए, जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कहा कि आप राजावाड़ी अस्पताल में जाइए. वहां जाकर जब देखा तो उनके भाई का शव वहां मौजूद था. अब परिजन सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि सरकार उनकी मदद करे. हालांकि कई और परिवार हैं जो अपनों को कल के इस तूफान में खो चुके हैं.

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