कैसे लग रही इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में आग? नीति आयोग का फरमान- गड़बड़ है तो सब वापस लो
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अमिताभ कांत ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन ईवी ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स (EV OEMs) को स्वेच्छा से उन बैचेज को वापस बुलाने को कह दिया, जिनमें आग लगने के मामले सामने आए हैं.
हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) में आग लगने की एक के बाद एक घटनाएं सामने आई हैं. पिछले कुछ दिनों में ओला (Ola) से लेकर ओकिनावा (Okinawa) और प्योर ईवी (Pure EV) के इलेक्ट्रिक स्कूटरों (Electric Scooters) में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इन सबसे चिंतित होकर सरकार ने अपनी ओर से इन मामलों की जांच भी शुरू कर दी है. इन सब के बीच नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने उन कंपनियों को बुधवार को तगड़ा झटका दे दिया, जिनकी गाड़ियों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं.
ऑटोमेकर्स की तरह जिम्मेदार बनें ईवी मैन्यूफैक्चरर्स
अमिताभ कांत ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन ईवी ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स (EV OEMs) को स्वेच्छा से उन बैचेज को वापस बुलाने को कह दिया, जिनमें आग लगने के मामले आए हैं. उन्होंने साफ कहा, अब समय आ गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियां ग्राहकों के मन में उसी तरह से भरोसा जगाएं, जैसे ग्लोबल ऑटोमेकर्स फायर रिस्क के मामलों में स्वेच्छा से प्रभावित गाड़ियों को वापस बुलाकर करते हैं. उन्होंने कहा, 'बैटरी सेल्स की मैन्यूफैक्चरिंग रेगुलेटेड नहीं है. बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत बनाए जाने की जरूरत है. बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग और बैटरी मैनेजमेंट के बीच साफ साझेदारी होती है.'
गडकरी ने की थी जांच के बाद कार्रवाई की बात
इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने भी ईवी में आग लगने के मामलों पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि संभवत: ज्यादा तापमान के कारण ये घटनाएं हुई हों. उन्होंने लोकसभा में 31 मार्च को कहा था, 'यह बहुत गंभीर मसला है और हमने हर मामलों की फोरेंसिक जांच का आदेश दिया है. जांच की रिपोर्ट 30 दिनों में देने के लिए कहा गया है. एक बार डिटेल रिपोर्ट सामने आ जाने के बाद सरकार उचित कदम उठाएगी.'
डीआरडीओ का सेंटर कर रहा इन मामलों की जांच