
'कांग्रेस नेतृत्व से मतभेद, लेकिन...', उपचुनाव के प्रचार में अनदेखी पर बोले शशि थरूर
AajTak
शशि थरूर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे पार्टी की तरफ से कोई निमंत्रण नहीं मिला. लेकिन इसमें कोई नाराज़गी की बात नहीं है. उन्होंने बताया कि जब उपचुनाव के प्रचार का समय था, तब वे एक आधिकारिक कूटनीतिक मिशन पर विदेश दौरे पर थे और लौटने पर भी पार्टी की तरफ से कोई फोन या आग्रह नहीं किया गया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को माना कि पार्टी नेतृत्व के साथ उनके कुछ मुद्दों पर मतभेद जरूर हैं, लेकिन यह कोई बड़ी दरार नहीं है और वह कांग्रेस के मूल्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं. उन्होंने यह भी साफ किया कि केरल के नीलांबुर उपचुनाव में प्रचार में उनकी गैरमौजूदगी इसलिए थी, क्योंकि उन्हें पार्टी नेतृत्व की ओर से आमंत्रण ही नहीं मिला था.
शशि थरूर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे पार्टी की तरफ से कोई निमंत्रण नहीं मिला. लेकिन इसमें कोई नाराज़गी की बात नहीं है. उन्होंने बताया कि जब उपचुनाव के प्रचार का समय था, तब वे एक आधिकारिक कूटनीतिक मिशन पर विदेश दौरे पर थे और लौटने पर भी पार्टी की तरफ से कोई फोन या आग्रह नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने दिल्ली में संसदीय स्थायी समिति की बैठक जैसे पहले से तय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.
हालांकि चुनाव के दिन वे केरल पहुंचे और पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में लोगों से वोट डालने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमारे उम्मीदवार अच्छे हैं और मैं लोगों से अपील करता हूं कि उन्हें ही वोट दें. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या यह पार्टी नेतृत्व से नाराजगी का संकेत है, तो थरूर ने इससे इनकार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता प्रचार में मेहनत कर रहे हैं और उनके अपने क्षेत्र तिरुवनंतपुरम के कार्यकर्ता भी पूरा सहयोग दे रहे हैं. मेरे कार्यकर्ताओं ने ही मुझे चार बार जिताया है और वे हर समय मेरे साथ रहते हैं.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने माना कि पार्टी नेतृत्व के साथ कुछ विषयों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन ऐसे मामलों का समाधान आंतरिक रूप से होना चाहिए. कांग्रेस एक संस्था है जिसके मूल्यों से मैं जुड़ा हूं. मतभेद निजी बातचीत से सुलझाए जा सकते हैं, इन्हें सार्वजनिक करने की कोई जरूरत नहीं है. हाल ही में थरूर ने अमेरिका समेत 5 देशों के दौरे पर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जो ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की स्थिति को दुनिया के सामने स्पष्ट करने के लिए भेजा गया था.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







