
कश्मीर-डे पर PoK में आतंकी संगठनों ने निकाला मार्च, आर्टिकल-370 हटने की दिखी बौखलाहट
AajTak
2 फरवरी को पीओके में जैश और लश्कर के नामी आतंकियों की मीटिंग हुई, इस मीटिंग पर खुफिया एजेंसियों की नजर लगातार बनी हुई थी. PoK के मुजफ्फराबाद में 2 फरवरी को हुए आतंकी जलसे का एक्सक्लूसिव वीडियो आजतक के पास है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर जाकर सुरक्षाबलों के अधिकारियों से मुलाकात कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था. अब कश्मीर-डे पर पीओके के अलग-अलग इलाकों के आतंकी संगठनों ने मार्च निकाला. इसमें धारा- 370 हटने के बाद पाकिस्तान, पाकिस्तान आर्मी और खुफिया एजेंसी ISI की सरपरस्ती में पालने वाले आतंकी संगठनों में बौखलाहट साफ दिखाई दी.
इस सबके बीच कश्मीर में आतंकियों की आहट पर आजतक ने बड़ा खुलासा किया है. दरअसल, सबसे पहले 2 फरवरी को पीओके में जैश और लश्कर के नामी आतंकियों की मीटिंग हुई, इस मीटिंग पर खुफिया एजेंसियों की नजर लगातार बनी हुई थी. PoK के मुजफ्फराबाद में 2 फरवरी को हुए आतंकी जलसे का एक्सक्लूसिव वीडियो आजतक के पास है.
2 फरवरी के बाद 5 फरवरी को रावलकोट में जैश और लश्कर की मीटिंग हुई, जिसमें हमास के कई लीडर शामिल हुए. इस जलसे में आतंकियों के सीने में बौखलाहट दिखाई और सुनाई दी.
बीते कुछ सालों में जिस तरह से पाकिस्तान में आतंकी मारे जा रहे हैं, उसका असर भी इस जलसे में दिखाई दिया. जब एक ही मंच सारे आतंकी संगठन जमा हुए और भारत के खिलाफ जिहाद जारी रखने का ऐलान किया. 5 फरवरी को रावलकोट में हुए जलसे का वीडियो भी आजतक टुडे के पास है. दिल्ली और कश्मीर में बैठे खुफिया एजेंसियों के अफसरों ने PoK में होने वाली इन तमाम हलचल पर पैनी नजर रखी और पूरी रिपोर्ट तैयार की है.

बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन कायस्थ जाति से आते हैं. इनकी जनसंख्या यूपी-बिहार ही नहीं पूरे देश में कहीं भी भी इतनी नहीं है कि वो राजनीति को प्रभावित कर सकते हों. पर बंगाल में आजादी के बाद 37 साल तक कायस्थों के हाथ में सत्ता रही है. आइये देखते हैं कि नबीन की नियुक्ति का बंगाल से क्या है रिश्ता?

उत्तर भारत में घने कोहरे ने एक बार फिर हवाई यातायात की रफ्तार रोक दी है. दिल्ली समेत कई एयरपोर्ट्स पर बेहद कम दृश्यता के कारण इंडिगो एयरलाइन की कई उड़ानें प्रभावित हुई हैं. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ फ्लाइट्स रद्द की गईं, जबकि कई में देरी हुई है. एयरलाइन ने यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस लगातार चेक करने की सलाह दी है.

1965 की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने सेना की विजयी बढ़त को रोक दिया था. गुरु गोलवलकर सरकार के इस फैसले से बेहद दुखी हुए. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने और उसकी कमर तोड़ने का इतना सुनहरा मौका गंवाना एक बड़ी भूल थी. पीएम शास्त्रीजी ने गोलवलकर की नाराजगी पर क्या कहा. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है वही कहानी.










