
कर्नाटक में सीएम सिद्धारमैया के जातिगत दांव से बैकफुट पर आई कांग्रेस
AajTak
कर्नाटक कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. बुधवार को एक ट्वीट के माध्यम से सीएम सिद्धारमैया की घोषणा कि उनकी सरकार जातिगत जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए तैयार है. इस रिपोर्ट को लेकर खुद कांग्रेस के अंदर ही अंसतोष है.
कांग्रेस आलाकमान, जिसे उम्मीद थी कि उसे आगामी लोकसभा चुनावों में कर्नाटक से "कम से कम 20 सीटें" मिल सकती हैं, उसकी उम्मीदों को झटका लगने लगा है. दरअसल मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच एक जातिगत जनगणना की रिपोर्ट को जारी करने को लेकर मतभेद पैदा हो गए हैं.
यहां तक कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री अपने-अपने समर्थकों के साथ "सत्ता साझा करने के फॉर्मूले" को लेकर अक्सर बहस करते रहे हैं, लेकिन दोनों के बीच ताजा तकरारर चुनाव अभियान के दौरान एक साथ काम करने की उनकी क्षमता पर असर डाल सकती है. हालांकि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पिछले दो महीनों में दो बार बेंगलुरु का दौरा किया है और पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों की पहले से पहचान करने के लिए स्थानीय नेताओं के साथ बैठकें की हैं. चयन पर बहुत कम प्रगति हुई है क्योंकि वेणुगोपाल शीर्ष नेताओं के बीच सर्वसम्मति बनाने में विफल रहे हैं.
सिद्धारमैया की चाल
दरअसल, जब से सिद्धारमैया ने पिछले महीने सार्वजनिक रूप से दावा किया कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे तो इसके बाद वेणुगोपाल के सभी पार्टीजनों को "सीएम पद" के बारे में बोलने से परहेज करने के निर्देश दिया था. वहीं डीके शिवकुमार अपने वफादारों के साथ अपनी रणनीति बनाने में व्यस्त हो गए.
अब, बुधवार को एक ट्वीट के माध्यम से सिद्धारमैया की घोषणा कि उनकी सरकार "जातिगत जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए तैयार है और जल्दी ही इसे सबमिट किया जाएगा. रिपोर्ट पार्टी लाइन से इतर वोक्कालिगा नेताओं के लिए एक खुली चुनौती प्रतीत हो रही है जिन्होंने एक ज्ञापन देकर उनसे पूछा था कि "2019 में तैयार की गई कंथाराजू समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दें और राज्य में नए सिरे से जातिगत जनगणना करवाने का आदेश दें.
जद (एस) और भाजपा के दिग्गज नेताओं, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, एचडी कुमारस्वामी, एसएम कृष्णा, सदानंद गौड़ा, आर अशोक और शोभा करंदलाजे के अलावा, कांग्रेस मंत्रियों शिवकुमार, चेलुवरायस्वामी और कृष्णा बायरेगौड़ा ने भी ज्ञापन प्रति पर हस्ताक्षर किए थे.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







