
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत से नीतीश के विपक्ष जोड़ो मुहिम को लगा झटका... जानिए क्या पड़ेगा असर?
AajTak
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर विपक्षी एकता के नेतृत्व को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुहिम को लेकर कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं से मुलाकात की है. नीतीश ने इन मुलाकातों में साफ कहा है कि वो 2024 को लेकर विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं. हालांकि, अब उनकी मुहिम को झटका लगना माना जा रहा है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली है. इस जीत ने पार्टी के लिए 2024 लोकसभा चुनाव से पहले संजीवनी का काम किया है. मगर, दूसरी तरफ इस जीत से अब देशभर में विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम को झटका लग सकता है. दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ हफ्तों से लगातार विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए हैं. लेकिन, अब शायद ही नीतीश कुमार उसी जोश के साथ विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम को आगे बढ़ा पाएंगे, जिसकी वो पहले उम्मीद कर रहे थे.
बताते चलें कि जदयू नेता नीतीश कुमार ने पिछले महीने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद शुरू की थी और सबसे पहले उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी. उसके बाद नीतीश ने कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से भी मुलाकात की, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम शामिल है.
'नीतीश ने इन दिग्गज नेताओं से भी मुलाकात की'
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने विपक्ष के कई बड़े नाम जैसे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और लेफ्ट पार्टियों के नेता सीताराम येचुरी और डी राजा से भी मुलाकात की है.
नवीन पटनायक को क्यों नहीं भा रहा बीजेपी के खिलाफ नीतीश का विपक्षी एकता का फॉर्मूला?
'विपक्ष की तरफ से पीएम चेहरा माने जा रहे नीतीश?'

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.









