कर्नाटक चुनाव: जगदीश शेट्टार क्यों हैं कांग्रेस के लिए ट्रम्पकार्ड? जानें कैसे बनी बीजेपी से दूरी
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बीजेपी में करीब 5 दशक तक रहने के बाद आखिरकार कर्नाटक के सीएम जगदीश शेट्टार ने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट ने मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए रविवार को बीजेपी छोड़ दी थी. शेट्टार के प्रमुख लिंगायत नेता है. ऐसा कहा जाता है कि उनका कर्नाटक की करीब 25 सीटों पर प्रभाव है. जानते हैं कि उनके कांग्रेस में जाने से बीजेपी को क्या नुकसान हो सकता है.
कर्नाटक चुनाव से पहले बीजेपी को बहुत बड़ा झटका मिल गया. छह बार के विधायक रहे पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने सोमवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में पार्टी कार्यालय में कांग्रेस ज्वॉइन कर ली. शेट्टार अब कांग्रेस से अपनी सीट हुबली-धारवाड़ से ही चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस महासचिव (कर्नाटक प्रभारी) रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर यह जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्वीट में उनके राजनीति कद के बारे में भी बताया. कांग्रेस नेता अपने ट्वीट में आगे लिखा- एक नया अध्याय, एक नया इतिहास, एक नई शुरुआत… बीजेपी के पूर्व सीएम, पूर्व भाजपा अध्यक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, छह बार विधायक, श्री जगदीश शेट्टार आज कांग्रेस परिवार में शामिल हो गए. उन्होंने यह फैसला बेंगलुरु में सुरजेवाला, सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार से मुलाकात के बाद लिया.
आपके के मन में यह सवाल चल रहा होगा कि विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कर्नाटक में कांग्रेस का यह दावं बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन उससे पहले यह जानते हैं कि बीजेपी के साथ इतना लंबा सफर तय करने के बाद ऐसा क्या हुआ कि जगदीश शेट्टार को पार्टी से नाता तोड़ना पड़ गया.
Insult & Betrayal are BJP’s DNA now. BJP’s ‘CHAL - CHEHRA - CHARITRA👇 DECEIVE Lingayat Leadership! DUPE Vokkaliga Community! DEFRAUD SC - ST - OBC Communities!@JagadishShettar refused to be a mute spectator to the Loot of #Karnataka by #40PercentSarkara ! A FRESH START! pic.twitter.com/AsgnhwxbuZ
बीजेपी ने इस कर्नाटक चुनाव में युवा और नए चेहरों को टिकट दिया है. उसने इस बार कई दिग्गज नेताओं के नाम काट दिए, जिनमें एक नाम जगदीश शेट्टार का भी था. टिकट न मिलने से नाराज शेट्टार ने पहले तो पार्टी हाईकमान से इसकी वजह पूछी. उन्होंने कहा था- मैं छह बार जीता, मेरे करियर में कोई दाग नहीं है और मुझ पर कोई आरोप नहीं है. ऐसे में मुझे बाहर क्यों किया जा रहा है? कर्नाटक की सियासत में इतने लंबी पारी में भ्रष्टाचार के आरोपों से बचे रहना अपने आप में बड़ी बात है.
इसके बाद शेट्टार ने कहा था- मैंने विधानसभा से इस्तीफा देने का फैसला किया है. मैंने सिरसी में मौजूद स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी से मिलने का समय मांगा है और अपना इस्तीफा दे दिया है. भारी मन से मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं वह हूं जिसने इस पार्टी को बनाया और खड़ा किया है. लेकिन उन्होंने (पार्टी के कुछ नेताओं ने) मेरे लिए पार्टी से इस्तीफा देने की स्थिति पैदा की.
उन्होंने कहा था कि पार्टी के नेता जगदीश शेट्टार को अभी तक नहीं समझ पाए हैं, जिस तरह से उन्होंने मुझे अपमानित किया, जिस तरह से पार्टी के नेताओं ने मुझे नजरअंदाज किया, उससे मैं परेशान हूं, जिससे मुझे लगा कि मुझे चुप नहीं बैठना चाहिए और मुझे उन्हें चुनौती देनी चाहिए. लिंगायत नेता ने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ एक साजिश रची गई थी और कहा कि वह कभी भी एक सख्त स्वभाव के व्यक्ति नहीं थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें ऐसा बनने के लिए मजबूत किया.
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