'ओवर स्मार्ट मत बनो...', जब 20 साल की लड़की को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत, जानें पूरा मामला
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भोपाल से प्रेमी संग भागी युवती को मिल रही कथित धमकियों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया. साथ ही नसीहत देते हुए युवती को फटकार भी लगाई. इसके साथ ही युवती को बरगला कर उसका अपहरण करने के आरोपी युवक की अग्रिम जमानत की अर्जी भी कोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दी कि मामला बहुत गड़बड़ है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली 20 साल की युवती ने सुप्रीम कोर्ट में जज के सामने अपने परिजनों से खुद की जान को खतरा बताया. जिसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि लड़की को सुरक्षा प्रदान की जाए. लेकिन इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने लड़की को भी फटकार लगाई. दरअसल, यह लड़की का किसी युवक के साथ अफेयर था. उसकी खातिर वह घर से भाग गई थी.
लड़की ने अपने ही पिता और भाई पर टॉर्चर का आरोप लगाया. कहा कि उसका भाई उसका पीछा कर रहा है और उसे जबरदस्ती अपने घर ले जाएगा. वह अपने भाई के साथ जाना नहीं चाहती है. वह वारणसी में अपने प्रेमी के साथ रहती है और वापस भोपाल यानी अपने घर नहीं जाना चाहती.
सुनवाई के दौरान बीस वर्षीय युवती ने जब जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की बात नहीं सुनी तो उन्होंने दो टूक कहा कि अपनी उम्र से ज्यादा स्मार्ट मत बनो. जिन पर तुम टॉर्चर करने का इल्जाम लगा रही हो वो तुमसे प्रेम करते हैं और उन्हें तुम्हारी चिंता है.
दरअसल, मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का है, जहां एक युवती अपने ही घर के ड्राइवर के साथ भागकर दिल्ली आ गई. घर वालों ने ड्राइवर के खिलाफ अपहरण का इल्जाम लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी. एफआईआर में वाराणसी के मूल निवासी युवक पर इससे पहले भी दो लड़कियों को बहला-फुसला कर उनको भगाने यानी अपहरण की एफआईआर दर्ज होने का हवाला दिया गया है.
आरोपी ड्राइवर ने भोपाल की जिला अदालत फिर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई. लेकिन उसकी अर्जी हर जगह खारिज हो गई. अब उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई जिस पर मंगलवार को सुनवाई हो रही थी.
जब जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अवकाश कालीन पीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए आया. तभी एक वकील के मोबाइल पर वीडीओ कॉल आया. कॉल करने वाली युवती ने जज से बात कराने की गुजारिश की. फिर जज को मोबाइल दिया गया. सवाल जवाब शुरू हुए.
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