
ओडिशा के कलाकार ने माचिस की तीलियों से बनाया जगन्नाथ रथयात्रा का रथ
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पूर्वी भारत के ओडिशा राज्य में विश्व प्रसिद्ध वार्षिक रथ यात्रा 12 जुलाई को जगन्नाथ नगरी पुरी शहर में आयोजित की जाएगी. इस पावन अवसर पर मिनिएचर आर्टिस्ट एल ईश्वर राव ने अपनी कला को प्रदर्शित करते हुए माचिस की तीली से भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र एवं माता सुभद्रा के तीन रथों का निर्माण किया है.
हिन्दू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा का एक बहुत बड़ा महत्व है. भगवान जगन्नाथ की मुख्य लीला भूमि ओडिशा की पुरी है. ओडिशा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की काष्ठ यानी कि लकड़ियों की अर्धनिर्मित मूर्तियां स्थापित हैं. भगवान की जगन्नाथ रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीय को जगन्नाथपुरी में आरंभ होती है. पूर्वी भारत के ओडिशा राज्य में विश्व प्रसिद्ध वार्षिक रथ यात्रा 12 जुलाई को जगन्नाथ नगरी पुरी शहर में आयोजित की जाएगी. इस पावन अवसर पर मिनिएचर आर्टिस्ट एल ईश्वर राव ने अपनी कला को प्रदर्शित करते हुए माचिस की तीली से भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र एवं माता सुभद्रा के तीन रथों का निर्माण किया है. दरअसल, ईश्वर राव भुवनेश्वर के खुर्दा जिले के जटनी गांव में अपने परिवार के साथ रहते हैं. चूंकि 12 जुलाई से जगन्नाथ रथ यात्रा आरंभ होने वाली है. इस खास मौके पर राव ने माचिस की तीली का इस्तेमाल कर महाप्रभु जगन्नाथ और उनके भाई बलभद्र एवं बहन माता सुभद्रा का रथ बनाया है. इस रथ की ऊंचाई 4.5 इंच है और इसे तैयार करने में 9 दिनों का समय लगा है. रथ में कुल 435 माचिस की तीली का इस्तेमाल किया गया है. प्रत्येक रथ में चार पहिए लगाए हैं. रथ के चारों ओर कॉरिडोर के लिए रस्सी से घेरा बनाया गया है.
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