उदयपुर हत्याकांड: JNU शिक्षक मोर्चा ने की निंदा, कहा- कन्हैयालाल की हत्या आम वारदात नहीं
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JNUTF ने उदयपुर में हुई दर्जी कन्हैयालाल की बर्बर हत्या की निंदा की है. JNUTF ने बयान में कहा, कन्हैयालाल की हत्या कोई आम वारदात नहीं है. किसी भी सभ्य समाज में इस तरह के कृत्य के लिए कोई स्थान नहीं है.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक मोर्चा (JNUTF) ने शनिवार को राजस्थान के उदयपुर में हुई दर्जी कन्हैयालाल की बर्बर हत्या की निंदा की. मोर्चा ने इसे व्यापक सामाजिक समस्या का संकेत करार दिया.
'घटना से राष्ट्र की सामूहिक चेतना को चोट पहुंची' जेएनयूटीएफ ने एक बयान में कहा, कन्हैयालाल की हत्या कोई आम वारदात नहीं है. इस घटना से राष्ट्र की सामूहिक चेतना को चोट पहुंची है. हम सभी को इस मानसिकता का समाधान करने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा, जिस तरह हम इस्लामी कट्टरता के खतरे से निपटने के लिए प्रयास करते हैं. किसी भी सभ्य समाज में इस तरह के कृत्य के लिए कोई स्थान नहीं है.
बयान में कहा गया, जेएनयूटीएफ एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या जैसी कायराना हरकत की निंदा करता है.
अब तक चार गिरफ्तार बयान में कहा गया कि JNUTF प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे किसी भी तत्व का समर्थन करने वालों की निंदा करता है. जेएनयूटीएफ नीति निर्माताओं से इस्लामी कट्टरता और बढ़ते हिंसक चरमपंथ के खतरे से निपटने के लिए एक व्यापक तंत्र अपनाने की अपील करता है. इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उदयपुर घटना पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कई तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा की वजह से उदयपुर की घटना हुई.
कोर्ट में पेशी के दौरान पिटाई कन्हैयालाल की हत्या से जुड़े चार आरोपियों को शनिवार को सुरक्षा व्यवस्था के बीच एनआईए कोर्ट के सामने पेश किया गया था. कोर्ट ने इन चारों आरोपियों को 12 जुलाई तक एनआईए कस्टडी में भेज दिया है. इससे पहले उदयपुर की एक कोर्ट ने दो आरोपियों को शुक्रवार को एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेजा था. कोर्ट में पेशी के दौरान आक्रोशित लोगों ने आरोपियों पर हमला कर दिया.
28 जून को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. वारदात के बाद राजस्थान में जगह-जगह बवाल शुरू हो गए थे. उसी दिन शाम तक दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया.
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