उचित शिक्षा के बाद लड़कियां शादी करें, उम्र थोपने से नहीं मिलेंगे वांछित परिणाम: आरएसएस इकाई
The Wire
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शीर्ष निर्णायक समिति की वार्षिक बैठक से पहले इसकी महिला शाखा राष्ट्र सेविका समिति ने कहा कि लड़कियों को उपयुक्त शिक्षा अर्जित करने के बाद ही विवाह करना चाहिए. पिछले साल दिसंबर में संसद में महिलाओं की शादी की उम्र 18 से 21 करने के प्रस्ताव संबंधी विधेयक पेश किया गया था, लेकिन लोकसभा ने यह विधेयक बाद में व्यापक चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शीर्ष निर्णायक समिति की वार्षिक बैठक से पहले इसकी महिला शाखा राष्ट्र सेविका समिति ने रविवार को कहा कि लड़कियों को उपयुक्त शिक्षा अर्जित करने के बाद ही विवाह करना चाहिए लेकिन शादी की उम्र ‘थोपने’ से वांछित परिणाम शायद नहीं मिल पाएंगे.
संघ की प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 11 मार्च से शुरू होगी, जहां महिलाओं की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महिलाओं की शादी की उम्र पुरुषों की भांति ही 18 से 21 करने के प्रस्ताव संबंधी एक विधेयक पेश किया था. लेकिन लोकसभा ने यह विधेयक बाद में व्यापक चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने इस प्रस्तावित कानून को समाज में लड़कों और लड़कियों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम बताया है.