'इंडिया टफ निगोशिएटर', भारत की डिप्लोमेसी का लोहा मान रही दुनिया, पहले अमेरिकी रिपोर्ट अब Swiss बयान
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स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की सचिव हेलेना बुडलिगर आर्टिडा ने इंडिया टुडे को बताया कि इस समझौते को लेकर हुई बातचीत एक मैराथन थी, ना कि कोई छोटी-मोटी दौड़. मुझे लगता है कि हमने पूरी शिद्दत के साथ इस समझौते को लेकर बातचीत की है. हम जानते थे कि अगर यह डील संतुलित और निष्पक्ष रहती है तो इससे दोनों पक्षों को फायदा होगा.
भारत और यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के चार देशों के साथ एक अहम समझौते किया है. इस समझौते के तहत भारत के इन चार देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. इससे पहले एक अमेरिकी रिपोर्ट में सामने आया था कि 2022 के अंत में रूस-यूक्रेन पर परमाणु हमले की योजना बना रहा था. लेकिन इस हमले को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ देशों के नेताओं ने मुख्य भूमिका निभाई थी. ऐसे में यह स्पष्ट हो जाता है कि बीते कुछ सालों में भारत की डिप्लोमेसी का लोहा पूरी दुनिया मान रही है.
भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य देशों स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टाइन के साथ व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते को मोदी सरकार की बड़ी जीत बताया जा रहा है. इस एग्रीमेंट पर सहमति को लेकर स्विट्जरलैंड ने भारत को टफ निगोशिएटर बताया है.
स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की सचिव हेलेना बुडलिगर आर्टिडा ने इंडिया टुडे को बताया कि इस समझौते को लेकर हुई बातचीत एक मैराथन थी, ना कि कोई छोटी-मोटी दौड़. मुझे लगता है कि हमने पूरी शिद्दत के साथ इस समझौते को लेकर बातचीत की है. हम जानते थे कि अगर यह डील संतुलित और निष्पक्ष रहती है तो इससे दोनों पक्षों को फायदा होगा.
'अगले 15 सालों में 100 अरब डॉलर निवेश'
इस समझौते के तहत स्विट्जरलैंड अगले 15 सालों में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा. इसके तहत भारत में 10 लाख रोजगारों का सृजन करने का उद्देश्य है. हेलेना बताती हैं कि हमारे सामान (Goods) को भारत में एंट्री मिल रही है. लेकिन हम अगले 15 सालों में भारत में 10 अरब डॉलर का निवेश करेंगे और दस लाख रोजगारों का सृजन करेंगे.
उन्होंने कहा कि भारत के साथ इसे लेकर बातचीत काफी मुश्किल थी. हमसे कहा गया था कि आपको भारत के बाजारों में इतनी आसानी से एक्सेस नहीं मिलेगा. पहले टैरिफ रेट तय किए जाए, तब हमें भारत के बाजारों में एंट्री मिलेगी. इसके लिए एमओयू साइन करने की जरूरत थी. हम इस पूरी प्रक्रिया को समझते हैं और हमने इसका पालन भी किया.
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