आज का दिन: ईदगाह में गणेशोत्सव लेकर HC और SC के फैसलों के पीछे क्या तर्क हैं?
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आज के दिन में हमारे साथ सुनिए कर्नाटक के ईदगाह में गणेशोत्सव लेकर क्या है विवाद? नीतीश कुमार और KCR की मुलाक़ात क्यों है अहम? कांग्रेस को फिर है बग़ावत का डर? और इराक़ में क्यों भड़की हिंसा?
आजतक रेडियो पर हम रोज लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’ जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की खबरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अखबारों की सुर्खियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. जानिए, आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन खबरों पर बात कर रहे हैं?
कर्नाटक: ईदगाह में गणेशोत्सव लेकर क्या है विवाद?
आज गणेश चतुर्थी है. हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था… लिहाज़ा, इसे त्योहार की तरह मनाने का चलन है. लेकिन कल इसके इर्द-गिर्द एक विवाद हो गया. विवाद की वजह बना कर्नाटक हाईकोर्ट का एक फैसला. जिसमें उन्होंने ये इज़ाज़त दे दी कि बेंगलुरु के एक ईदगाह मैदान का इस्तेमाल गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाने के लिए किया जा सकता है. इसके बाद कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक चर्चा शुरू हो गई. सुप्रीम कोर्ट अर्जेंट हियरिंग के लिए मामला पहुंचा. वहां पहले जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच ने सुनवाई की लेकिन दोनों एक नतीजे पर नहीं पहुंच पाएं. इसके बाद चीफ जस्टिस यू. यू. ललित ने तीन जजों की एक बेंच का गठन किया. जिसमें जस्टिस इंदिरा बैनर्जी, ए एस ओका और एम एम सुंदरेश शामिल थे. सुनवाई के बाद कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया और कहा कि ईदगाह के जमीन पर गणेश चतुर्थी नहीं मनाया जा सकता. सवाल है कि दोनों हाईकोर्ट का ये जो अलग-अलग फैसला आया, एक ही दिन, उसका आधार क्या था और हमें इसको किस तरह समझना चाहिए?
नीतीश कुमार और KCR की मुलाक़ात क्यों है अहम?
इन दिनों नीतीश कुमार अनमोल हो गए हैं विपक्ष के लिए. जब से उन्होंने खेमा बदला है, भाजपा का साथ छोड़ जदयू का दामन थामा है, ओपोजिशन लीडर्स उनकी तारीफ़ करते थकते नहीं है. इस सिलसिले में आज एक अहम हलचल बिहार में रहने वाली है. जहां तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे. वैसे तो केसीआर का ये दौरा गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के सैनिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक ममद देने को लेकर है. साथ ही, उन 12 मजदूरों के परिजनों को भी पांच-पांच लाख रुपये की सहायता देने की बात है जिनकी सिंकदराबाद में मौत हो गयी थी. लेकिन रिपोर्ट्स हैं कि नीतीश कुमार के साथ मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई राजनीतिक मुद्दों और अगले लोकसभा के मद्देनजर स्ट्रेटजी बनाने को लेकर बातचीत हो सकती है. क्यों अहम है ये मुलाकात और इन दोनों नेताओं की चाह क्या है?
कांग्रेस को फिर है बग़ावत का डर?
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और अपनी पार्टी के इकलौते सांसद जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं. 44 सालों के पॉलिटिकल करियर में मांझी राज्य सरकार में कई बार मंत्री बन चुके हैं लेकिन पहली बार वो मोदी सरकार में मिनिस्टर बने हैं. मांझी ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर इस बार गया (रिजर्व सीट) से चुनाव लड़ा था और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता था.