
आज का दिन: अग्निपथ योजना से नाखुश क्यों हैं छात्र?
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सरकार आर्म्ड फोर्सेज़ में 4 साल की नौकरी के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू करने जा रही है. जिसके तहत 90 दिनों के भीतर क़रीब 46 हज़ार भर्तियां होंगी. मतलब नौकरियां ही नौकरियां. लेकिन, इसमें एक पेंच भी था.
देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति का चुनाव अगले महीने होना है. चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. आम लोगों से लेकर पॉलिटकल पंडितों के मन में एक ही सवाल कौंध रहा है - 'कौन बनेगा राष्ट्रपति'. क्योंकि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के नाम अभी तय नहीं हुए हैं. हर चुनाव की गुपचुप मगर मजबूत तैयारी करने वाली बीजेपी के खेमे से कोई सिग्नल नहीं मिला है अबतक. वहीं विपक्ष के पाले में हलचल शुरू हो गई है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों ओपोजिशन की 22 पार्टियों को पत्र लिखकर एक बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा था. विपक्षी पार्टियों की ये अहम बैठक आज दिल्ली में होनी है. इससे पहले ममता बनर्जी ने कल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाक़ात की थी. शरद पवार भी लेफ़्ट के नेताओं से मिले थे. विपक्षी नेताओं के इस मेलमिलाप से माहौल तो बन गया है, लेकिन इस मीटिंग का एजेंडा क्या रहने वाला है? क्या ममता के नेतृत्व में विपक्षी एकता बनाने पर ज़ोर रहेगा या इससे एक क़दम आगे जाकर किसी कॉमन नाम पर सहमति जुटाने की क़वायद होने वाली है?
अग्निपथ योजना से नाखुश क्यों हैं छात्र?
देश में होने वाले चुनावों और उनके इर्दगिर्द चल रही राजनीति के पैरेलल समस्याओं और मुद्दों का बाज़ार भी गर्म रहता है. इनमें से एक समस्या या मुद्दा बढ़ती बेरोजगारी का है. देश के करोड़ों युवा नौकरी की चाहत में हाथ पैर मार रहे हैं. इनमें सरकारी नौकरी को चाहने वालों की संख्या सबसे ज़्यादा है. कोरोना की आगत ने मास स्केल पर निकलने वाली वैकेन्सियों और उसकी परीक्षाओं पर लगाम लगा दी थी. आर्मी रिक्रूटमेंट उनमें से एक है. सरकार की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक आर्म्ड फोर्सेज़ के करीब सवा लाख पोस्ट खाली हैं. देश भर के युवक युवतियां इसे एक मौके के तौर पर देख रही हैं और इसे भरे जाने के लिए लगातार आवाज़ उठा रही हैं. कल सरकार ने एक घोषणा की जिससे आर्मी में जाने के इच्छुक नौजवानों को हौसला मिला.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सरकार आर्म्ड फोर्सेज़ में 4 साल की नौकरी के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू करने जा रही है. जिसके तहत 90 दिनों के भीतर क़रीब 46 हज़ार भर्तियां होंगी. मतलब नौकरियां ही नौकरियां. लेकिन, इसमें एक पेंच भी था. एयरफोर्स में भर्ती के लिए पिछले दो साल में हुई परीक्षाओं का कोई औचित्य नहीं रह गया, क्योंकि बताया गया कि वो भर्तियां भी इसी प्रोग्राम के तहत होंगी. परीक्षा देकर रिजल्ट का इंतज़ार कर रहे कई स्टूडेंट्स सरकार के इस फैसले से नाराज़ नज़र आये. सोशल मीडिया पर उन्होंने अपनी नाराज़गी जाहिर भी की. तो एक तरफ स्टूडेंट्स की चिंताएं हैं और दूसरी तरफ आशंकाएं हैं इस योजना के असर को लेकर भी. कहा जा रहा है कि अग्निपथ भर्ती योजना से मिलिट्री सर्विसेज़ में पेंशन के बढ़ते बोझ को रेशनलाइज किया जाएगा. मगर इससे आर्म्ड फोर्सेज को मिलने वाली सोशल सिक्योरिटी कितनी प्रभावित होगी?
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