
आंदोलन के बीच सियासी लड़ाई... बिहार में BPSC छात्रों का आंदोलन क्यों तेजस्वी बनाम प्रशांत किशोर के क्रेडिट वॉर में बदल गया?
AajTak
बिहार में बीपीएससी प्रोटेस्ट अभ्यर्थी बनाम आयोग या अभ्यर्थी बनाम सरकार से अधिक तेजस्वी यादव बनाम प्रशांत किशोर हो गया है. इस आंदोलन को लेकर तेजस्वी यादव और पीेके के बीच क्रेडिट वॉर क्यों शुरू हो गया है?
बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों के आंदोलन ने अब सियासी रंग ले लिया है. दो दिन पहले जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने कथित पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जारी आंदोलन के बीच रविवार को छात्र संसद का आह्वान किया था. छात्र संसद के बाद सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे छात्रों पर पटना पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. अब इसे लेकर सियासत तेज हो गई है.
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पीके पर छात्रों को गुमराह कर आंदोलन को हाईजैक करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए इसे बड़ी ही चालाकी से आंदोलन कुचलने का प्रयास करार दिया. पीके ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए तेजस्वी पर पलटवार किया. बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों के आंदोलन के बीच अब चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने पीके और तेजस्वी यादव के बीच क्रेडिट वॉर छिड़ गया है. सवाल उठ रहा है कि छात्रों के आंदोलन के बीच सियासी लड़ाई क्यों छिड़ गई?
बीपीएससी प्रोटेस्ट के बीच सियासी लड़ाई क्यों?
जन सुराज पार्टी के औपचारिक सियासी डेब्यू से पहले से ही प्रशांत किशोर के निशाने पर आरजेडी, लालू यादव का परिवार और तेजस्वी यादव रहे हैं. पीके की सत्ता से अधिक विपक्षी दल पर आक्रामकता के पीछे नई पार्टी को चुनावी साल के आगाज से पहले विपक्ष के तौर पर स्थापित करने की रणनीति भी वजह बताई जाती है. दो युवा नेताओं के बीच क्रेडिट वॉर क्यों छिड़ा है, इसे चार पॉइंट में समझा जा सकता है.
1-बिहार चुनाव करीब
बिहार विधानसभा के चुनाव में अब एक साल से भी कम का समय बचा है. साल 2025 के अंत तक बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं. आरजेडी सूबे के विपक्षी गठबंधन महागठबंधन की अगुवाई कर रही है तो वहीं पीके की पार्टी जन सुराज अपनी सियासी जमीन बनाने की कोशिश में जुटी है. ऐसे में, दोनों ही दल नहीं चाहेंगे कि वो युवाओं के भविष्य से जुड़े इस मुद्दे पर क्रेडिट वॉर में पिछड़ जाएं. आरजेडी और जन सुराज, दोनों ही पार्टियों का फोकस इसके पीछे वोटों का गणित भी है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.








