
अमित शाह ने लगाया वंदे मातरम् के अपमान का आरोप तो विपक्ष बोला- प्रूफ क्या है, गृह मंत्री ने शाम तक दिखा दिए पूरे कागज
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में वंदे मातरम् के सम्मान से जुड़ी अस्वीकार्य घटनाओं का उल्लेख करते हुए विपक्षी सांसदों द्वारा राष्ट्रगीत से इनकार करने के कई उदाहरण पेश किए. उन्होंने राज्यसभा सचिवालय को ऐसे दस्तावेज सौंपे जिनमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी समेत कई दलों के नेताओं द्वारा वंदे मातरम् के सम्मान में अनुचित व्यवहार दर्ज है.
राज्यसभा में मंगलवार को ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में राष्ट्रगीत के सम्मान से जुड़ी कुछ अस्वीकार्य घटनाओं का उल्लेख किया. चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आग्रह किया कि इन घटनाओं की प्रमाणित जानकारी सदन के पटल पर रखी जाए. इसके जवाब में अमित शाह ने राज्यसभा सचिवालय को एक दस्तावेज सौंपा, जिसमें अलग-अलग जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों द्वारा समय-समय पर ‘वंदे मातरम्’ गाने से इनकार करने या उसके सम्मान में अनुचित आचरण की घटनाओं का विवरण दर्ज है.
राज्यसभा में क्या बोले अमित शाह? राज्यसभा में चर्चा के दौरान , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया है कि जब संसद में वंदे मातरम् का गान होता है, तो इंडी अलायंस के कई सदस्य, जो लोकसभा में बैठे होते हैं, बाहर चले जाते हैं. इस पर विपक्ष ने आपत्ति की और कहा कि गृह मंत्री इसका सबूत दें. तब अमित शाह ने कहा कि वो शाम तक सदन को इसका सबूत मुहैया करा देंगे कि वंदे मातरम् गीत के दौरान कौन से सदस्य सदन छोड़कर चले जाते हैं.
गृहमंत्री ने सुनाया 1992 का किस्सा राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1992 में बीजेपी सांसद श्रीराम नाईक ने एक शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के जरिये वंदे मातरम् को संसद में फिर से गाने का मुद्दा उठाया था. उस समय प्रतिपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने बहुत प्रमुखता से लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि सदन में वंदे मातरम् का गान होना चाहिए क्योंकि संविधान सभा ने इसे स्वीकार किया है, तब लोकसभा ने सर्वसम्मति से लोकसभा में वंदे मातरम् के गान की शुरुआत की.
अमित शाह ने दावा कि उस समय, जब हम वंदे मातरम् के गान की शुरुआत कर रहे थे, तब इंडी अलायंस के ढेर सारे लोगों ने कहा कि हम वंदे मातरम् नहीं गाएंगे, और मैंने यह भी देखा है कि जब संसद में वंदे मातरम् का गान होता है, तो इंडी अलायंस के कई सदस्य, जो लोकसभा में बैठे होते हैं, बाहर चले जाते हैं.
अमित शाह के भाषण पर सदन में हंगामा उनके इस पूरे भाषण के दौरान राज्यसभा में जोरदार हंगामा होता रहा और स्थिति बिगड़ती रही. इसी बीच विपक्ष के कुछ सांसदों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके कथन का प्रूफ मांग लिया. तब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जोरदार तरीके से कहा था कि शाम तक, वह सारे सबूत उपलब्ध करा देंगे. इसी के बाद यह जानकारी सामने आई है कि, गृहमंत्री की ओर से वह डॉक्यूमेंट पटल पर रखा गया, जिसमें तारीख वार ऐसे मौके दर्ज हैं, जब सदन में विपक्षी नेताओं मे 'वंदे मातरम्' गाने से इनकार किया.
दस्तावेज़ में शामिल प्रमुख तारीखें 1. 08 दिसंबर 2025: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने ‘वंदे मातरम्’ गाने से इनकार किया, धार्मिक आस्था का हवाला दिया. 2. 08 दिसंबर 2025: नेशनल कॉन्फ्रेंस के आगा सैयद मेहदी ने संसद चर्चा के दौरान राष्ट्रगीत गाने से इनकार किया. 3. 2019: समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने लोकसभा शपथ के समय ‘वंदे मातरम्’ न गाने की बात कही. 4. 2025: जियाउर्रहमान बर्क ने अपने दादा के रुख का समर्थन करते हुए राष्ट्रगीत न गाने की बात कही. 5. 2018: कांग्रेस रैली में ‘वंदे मातरम्’ का केवल एक छंद गाया गया, राहुल गांधी के आने का इंतज़ार बताया गया. 6. 2019: मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने धार्मिक कारणों से राष्ट्रगीत गाने से इनकार किया. 7. 2022: कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने संविधान दिवस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को ‘वंदे मातरम्’ न गाने को कहा. 8. 2025: समाजवादी पार्टी ने महाराष्ट्र के स्कूलों में ‘वंदे मातरम्’ अनिवार्य करने वाले आदेश को रद्द करने की माँग की. 9. 2025: आरजेडी विधायक सऊद आलम ने विधानसभा में राष्ट्रगीत के दौरान खड़े होने से इनकार किया.

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