
अब अमेरिका पहुंचने वाले हर टूरिस्ट से ट्रंप वसूलेंगे 13 लाख रुपये, नए नियम से बढ़ेंगी मुश्किलें
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी वीजा नियमों को लगातार सख्त कर रहे हैं. इसी क्रम में ट्रंप प्रशासन ने टूरिस्ट और बिजनेस वीजा के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. यह नया प्रोग्राम भारतीयों की जेब पर भारी पड़ सकता है.
ट्रंप प्रशासन प्रवासियों को लेकर शुरू से ही सख्त रहा है और सख्त वीजा नियम लागू करने के लिए जाना जाता है. इसी बीच अब अमेरिका एक नया पायलट प्रोग्राम लेकर आया है जिसके तहत टूरिस्ट और बिजनेस वीजा पर अमेरिका पहुंचने वाले लोगों को वीजा बॉन्ड के रूप में 15,000 डॉलर यानी 13 लाख 16 हजार से अधिक रुपये जमा करने के लिए कहा जा सकता है. अमेरिकी विदेश विभाग के इस प्रोग्राम का मकसद देश में वीजा खत्म हो जाने के बाद भी रुकने वालों की संख्या में कमी लाना है.
प्रोग्राम के अनुसार, टूरिस्ट वीजा (बी1 वीजा) और बिजनेस वीजा (बी2 वीजा) से अमेरिका में आने वाले लोगों से वीजा बॉन्ड लिया जाएगा. इस प्रोग्राम को लेकर एक पब्लिक नोटिस में कहा गया है कि पिछले कुछ सालों से यह देखा जा रहा है कि लाखों विदेशी समय पर अमेरिका नहीं छोड़ते और वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रहते हैं.
हालांकि, नोटिस में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इस वीजा प्रोग्राम के दायरे में सभी देश आएंगे या कुछ देशों को छूट होगी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, नए वीजा प्रोग्राम के 20 अगस्त से प्रभावी होने की उम्मीद है और यह लगभग एक साल तक चलेगा.
अमेरिकी फेडरल रजिस्टर के एक नोटिस के अनुसार, वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को यह अधिकार दिया जाएगा कि वो वीजा का अप्लीकेशन देने वालों पर 5,000 डॉलर, 10,000 डॉलर या 15,000 डॉलर के तीन तरह के बांड अपने विवेक के हिसाब से लगाएं.
अधिकारियों ने बताया कि टूरिस्ट और बिजनेस वीजा पर आए लोग जब अमेरिका से वापस जाएंगे तो वीजा की शर्तों के अनुसार, बांड की धनराशि उन्हें वापस कर दी जाएगी.

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